Breaking News

आश्रय शर्मा का कौल सिंह ठाकुर पर तीखा हमला, कहा-विधानसभा का टिकट कोई बस का टिकट नहीं

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के दिग्गज और दिवंगत नेता पंडित सुखराम के पोते और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की मीडिया एवं सोशल मीडिया कमेटी के प्रदेश संयोजक आश्रय शर्मा ने पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर पर बड़ा और तीखा जुबानी हमला बोला है।

 

आश्रय शर्मा का कहना है कि कांग्रेस के कुछ बुजुर्ग नेता बार-बार अंतिम चुनाव और सीएम पद का हवाला देकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण युवाओं को आगे आने का मौका नहीं मिल रहा है।

मंडी में न्यूज18 से आश्रय शर्मा ने कहा कि अब युवाओं का जमाना है और प्रदेश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो लंबी पारी खेल सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कौल सिंह ठाकुर उम्र के उस पड़ाव पर हैं, जहां ये उम्र ही उनके आड़े आ रही है। ऐसे में यदि पार्टी कौल सिंह को टिकट नहीं देती तो फिर उन्हें या किसी अन्य युवा को टिकट दिया जाए।

उन्होंने इशारों ही इशारों में यहां तक कहा कि कुछ नेता गुलाम नबी आजाद के सहयोगी बनकर राहुल गांधी और उनके परिवार की नैतिकता पर सवाल उठाते रहे हैं और अब शीर्ष पदों के बारे में सोच रहे हैं. पार्टी ने निर्णय लिया है कि परिवार के एक ही सदस्य को टिकट दिया जाएगा, जबकि कौल सिंह खुद के साथ अपनी बेटी के लिए भी टिकट की जोर आजमाईश में लगे हैं।

वीरभद्र परिवार के पास पावर सेंटर, लोग खुद देंगे पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि

आश्रय शर्मा ने स्पष्ट किया कि वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम की तनातनी के कारण उन्होंने पूर्व में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी के आहवान पर दोबारा से पार्टी में आए और विपरित परिस्थितियों में चुनाव लड़ा। हालांकि, उस वक्त सभी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। आज फिर से संगठन का पावर सेंटर उसी परिवार के पास होने से उन्हें संशय है। यदि संगठन के किसी के साथ पक्षपात न हो तो मिलकर पार्टी को और आगे ले जाया जा सकता है। आश्रय शर्मा ने कहा कि यदि उपचुनावों में लोगों ने स्व. वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी है तो मंडी जिला के लोग स्व. पंडित सुखराम को अपने आप श्रद्धांजलि देंगे, क्योंकि उनके द्वारा किए हुए कार्यों और योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

सदर का टिकट कोई बस का टिकट नहीं, प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण

आश्रय शर्मा ने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र का टिकट कोई बस का टिकट नहीं जो ऐसे ही मिल जाए। ये प्रदेश की राजनीति का सबसे अहम टिकट है और इसका फैसला उचित समय आने पर होगा। उन्होंने कहा कि 2019 में चुनाव लड़ने से उनके पिता को क्षति हुई है और अब वे वही करेंगे जो पिता कहेंगे। किस दल में रहना है इसका फैसला सदर की जनता करेगी और उसी पर सब मिलकर साथ चलेंगे।

The Gulf Indians

Recent Posts

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए मतगणना शुरू, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के सभी चार पदों के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव का मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव…

7 months ago

बाजार की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना नए ऑफ-प्लान रियल एस्टेट कानून के प्रमुख लाभों में से एक है

मंगलवार को सऊदी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ऑफ-प्लान रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचने और पट्टे पर…

8 months ago

Crown Prince: सऊदी अरब 21वीं सदी की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है

क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी…

8 months ago

This website uses cookies.