Breaking News

इलाहाबाद हाई कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई, एएसआइ ने कहा था, वैज्ञानिक सर्वे से निर्माण को कोई नुकसान नहीं

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से वैज्ञानिक सर्वे कराने संबंधी वाराणसी जिला जज के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद वाराणसी की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट गुरुवार को निर्णय सुनाएगा।

मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर भोजनावकाश के बाद निर्णय सुना सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला जज के आदेश पर रोक लगाते हुए हाई कोर्ट को सुनवाई का आदेश दिया था। हाई कोर्ट में 25 से 27 जुलाई तक सुनवाई हुई थी।

सर्वे से निर्माण को कोई नुकसान नहीं

मुस्लिम पक्ष ने एएसआइ के हलफनामे पर जवाबी हलफनामा भी दाखिल किया है। कोर्ट में 27 जुलाई को एएसआइ के अपर महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने फिर साफ किया कि सर्वे से निर्माण को कोई नुकसान नहीं होगा। वैज्ञानिक सर्वे में अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल होगा। अपर सालिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह ने इस संबंध में दाखिल हलफनामे को उद्धृत किया था। मस्जिद पक्ष की तरफ से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी व पुनीत गुप्ता ने एएसआइ के कुदाल-फावड़े संग आने का फोटोग्राफ दिखाते हुए सर्वे से भवन ध्वस्त होने की आशंका जताई थी।

यह है पूरा मामला

वाराणसी के जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर में वुजूखाना व शिवलिंग छोड़कर अन्य क्षेत्र के एएसआइ सर्वे का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर 26 जुलाई तक रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की सलाह दी थी।

गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक को याचिका

वाराणसी स्थित पूरे ज्ञानवापी परिसर को सील कर वहां गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग के साथ इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। यह याचिका जितेंद्र सिंह विसेन व अन्य की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से दायर की गई है।

सावन के अधिमास में शिवलिंग की पूजा की अनुमति देने की मांग

प्रतापगढ़ के शैलेंद्र योगीराज की ओर से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) शिखा यादव की अदालत में प्रार्थना दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग को आदि विश्वेश्वर बताते हुए सावन के अधिमास में उनके पूजन-अर्चन की अनुमति देने की मांग की गई है। हालांकि सरकार की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने कहा कि प्रार्थना पत्र पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकरण में पहले से जिला अदालत में सुनवाई लंबित है। अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी।

एएसआइ सर्वे के खर्च को लेकर हाई कोर्ट गया मस्जिद पक्ष

एएसआइ सर्वे के खर्च पर सवाल करते हुए अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने बताया कि एएसआइ सर्वे के खर्च को लेकर जिला जज की अदालत में आवेदन किया था। जवाब मिला कि इस बाबत वादी यानी मंदिर पक्ष की ओर से कोई शुल्क जमा नहीं किया गया है। नियम के तहत सर्वे का शुल्क और आवश्यक होने पर पुलिस सुरक्षा का खर्च वादी मुकदमा को जमा करना होता है। हाई कोर्ट अर्जी पर तीन अगस्त को सुनवाई करेगा।

The Gulf Indians

Recent Posts

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए मतगणना शुरू, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के सभी चार पदों के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव का मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव…

8 months ago

बाजार की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना नए ऑफ-प्लान रियल एस्टेट कानून के प्रमुख लाभों में से एक है

मंगलवार को सऊदी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ऑफ-प्लान रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचने और पट्टे पर…

8 months ago

Crown Prince: सऊदी अरब 21वीं सदी की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है

क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी…

8 months ago

This website uses cookies.