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उत्तराखंड कांग्रेस में भी एक परिवार-एक टिकट नियम होगा लागू , कांग्रेस के बड़े नेताओं को झटका

कांग्रेस के सीनियर मोस्ट लीडर हरीश रावत ही अपने बेटे या बेटी के लिए टिकट मांग रहे हैं। उनके अलावा विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह अपने बेटे के लिए और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत भी अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं।

उत्तराखंड (Uttarakhand Elections 2022) कांग्रेस के नेताओ को बड़ा झटका लगा है। पार्टी में परिवारवाद पर लगाम लगाने के लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने उत्तराखंड में भी एक परिवार-एक टिकट की नीति लागू करने का फैसला लिया है। राहुल के इस फैसले से हरीश रावत (Harish Rawat) समेत परिवार के लिए टिकट मांग रहे उत्तराखंड कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को झटका लगा है।

इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोंडियाल ने एक परिवार के लोगों को ज्यादा टिकट देने की वकालत की थी। हालांकि गोंडियाल का गांधी परिवार के करीबी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने खुलकर विरोध किया था। उन्होंने साफ़ कहा था कि परिवारवाद लगातार कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है। अब पंजाब की ही तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भी एक परिवार से एक ही टिकट देने का नियम लागू करने का फैसला लिया है।

कौन-कौन नेता थे परिवार के टिकट के लिए लाइन में?

बता दें कि चुनाव कैंपेन कमेटी के प्रमुख और कांग्रेस के सीनियर लीडर हरीश रावत ही अपने बेटे या बेटी के लिए टिकट मांग रहे हैं। उनके अलावा विधायक दल के नेता प्रीतम सिंह अपने बेटे के लिए और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत भी अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। उधर इंदिरा हृदयेश के निधन के चलते उनके बेटे को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि इस नियम में ढील देते हुए। BJP से वापस आये यशपाल आर्य और उनके बेटे को टिकट दिया जाना तय माना जा रहा है, ऐसा इसलिए भी है क्योंकि दोनों सिटिंग विधायक हैं।

हरीश रावत ने BJP पर साधा निशाना

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से उन्होंने चुनाव आयोग से कार्रवाई करने की मांग की है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाते हुए कहा, “मैं इलेक्शन कमीशन उत्तराखंड के संज्ञान में लाना चाहता हूं, ये उत्तराखंड सचिवालय में क्या हो रहा है?

आचार संहिता लगने के बाद भी बैक डेट में तबादले हो रहे हैं, प्रवक्ताओं और शिक्षकों के पदों पर बड़ी मात्रा में RSS से जुड़े हुए लोगों के ट्रांसफर हुए हैं, चहेतों के ट्रांसफर हो रहे हैं, एक विभाग नहीं न जाने और कितने विभागों में ऐसा हो रहा है। हम न केवल मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से बल्कि कांग्रेस विधिवत तरीके से भी चुनाव आयोग के पास मिलकर के विरोध दायर करेगी। जहां-जहां लोगों को ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं। कृपया कांग्रेस कार्यालय में मथुरा दत्त जोशी जी के पास उन सूचनाओं को पहुंचा दें।”

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