कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली है। दरअसल मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि कीमतों पर नियंत्रण के लिए यूएई तेल उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में है।
तेल की कीमतों में आज अधिकतम 18 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है और ब्रेंट क्रूड 113 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया है। इससे पहले इसी हफ्ते ब्रेंट क्रूड 139 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के करीब पहुंच गया था। कीमतों का ये स्तर बीते 14 सालों में सबसे ऊंचा स्तर रहा है। रूस यूक्रेन संकट की वजह से कीमतों में एक हफ्ते में 30 प्रतिशत से ज्यादा की उछाल देखने को मिल चुका है।
क्यों आई कीमतों में गिरावट
दरअसल फाइनेंशियल टाइम्स ने अमेरिका में यूएई के राजदूत के हवाले से लिखा है कि यूएई उत्पादन बढ़ाने के पक्ष में है। वहीं रॉयटर्स ने बाजार के जानकारों से बात कर लिखा है कि यूएई तुरंत 8 लाख बैरल तेल का उत्पादन बढ़ा सकता है, जो कि रूस पर लगे प्रतिबंधों से घटी सप्लाई के सातवें हिस्से की भरपाई कर देगा। वहीं आने वाले समय में ईरान से भी सप्लाई बढ़ने का अनुमान है जिससे भी आगे दबाव और कम होने का अनुमान दिया गया है। इन संकेतों को देखते हुए जानकारों ने अनुमान दिया है कि कीमतों में आगे और कमी आ सकती है।
दरअसल तेल उत्पादक देशों को भी आशंका है कि तेल कीमतों में इतने उछाल से मांग पर नकारात्मक असर पड़ेगा वहीं अर्थव्यवस्थाओं में महंगे तेल से अगर सुस्ती आती है तो कच्चे तेल की कीमतों में और गिरावट आएगी। इसलिए ओपेक देश तेल उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
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