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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि विकास की मजबूत आधारशिला रखने वाला बजट

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वित्त बजट 2023-24 की तारीफ करते हुए कहा कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकास की मजबूत आधारशिला रखने वाला बजट पेश किया है।

 

शाह ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि इस बजट में समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। यह बजट मोदी सरकार की सशक्त बुनियादी ढांचे और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले नए भारत बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मध्यम व वेतनभोगी वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दी गई है।

शाह ने कहा कि किसी भी देश के उज्जवल भविष्य की नींव उसकी शिक्षित व कौशलवान युवा पीढ़ी होती है। युवाओं को किताबें उपलब्ध कराने के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने के निर्णय का वह हृदय से स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बजट में कृषि ऋण को बढ़ा कर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया है। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा। साथ ही अगले तीन वर्षों तक एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती करने में मदद की जाएगी।

शाह ने कहा कि रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। जो सुदूर क्षेत्रों को रेलवे से जोड़ेगा। साथ ही देश में 50 एयरपोर्ट, हेलीपोर्टों, एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स के पुनरुद्धार का निर्णय रीजनल एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

इस बजट में देश के पारंपरिक कारीगरों व शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की शुरुआत का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय विश्वकर्माओं को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और मार्केट तक पहुंच बढ़ाने में सक्षम बनाने के साथ उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।

शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसमें चीनी सहकारी समितियों द्वारा 2016-17 से पहले किसानों को किए गए भुगतान को अपने खर्च में दिखा पाने की सुविधा दी गई है। इससे करीब 10 हजार करोड़ रुपये की राहत सहकारी चीनी मिलों को मिलेगी। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2024 तक बनने वाली मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की सहकारी समितियों को सिर्फ 15 फीसदी टैक्स के दायरे में रखने पर वह मोदी सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हैं।

उन्होंने कहा कि नकद निकासी पर टीडीएस की अधिकतम सीमा तीन करोड़ रुपये करने, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और प्राथमिकता सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा नकद जमा व ऋण के लिए प्रति सदस्य दो लाख रुपये की सीमा प्रदान करने का निर्णय सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में सरकार हर पंचायत में नई बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगी। इससे सहकारिता आंदोलन को नई दिशा और गति प्राप्त होगी, जिससे यह क्षेत्र और अधिक सशक्त होगा।

शाह ने कहा कि बजट में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करने की योजना से सहकारी समितियों से जुड़े किसान अपनी उपज का भंडारण कर सकेंगे और उपज को सही समय पर बेच कर उचित मूल्य प्राप्त कर पाएंगे। यह किसानों की आय बढ़ाने के पीएम मोदी के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र पर चल सहकारिता के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए संकल्पित भाव से कार्य कर रही है। आज बजट में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त करने के लिए किए गए अभूतपूर्व निर्णय इसी संकल्प का प्रतीक हैं।

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