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गुलाम नबी आजाद के बाद मनीष तिवारी के तेवर शख्त

रिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी को बड़ा झटका दिया।

इसके बाद कांग्रेस पार्टी में हलचल मची हुई है और बयानबाजी का दौर भी जारी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने भी गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि भारत और कांग्रेस के बीच समन्वय में दरार है और 1885 से ही मौजूद थी।

 

उन्होंने कहा, दो साल पहले, हममें से 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई। उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं, तो ऐसा लगता है कि दोनों में से किसी ने अलग तरह से सोचना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि भारत और कांग्रेस के बीच समन्वय में दरार आ गई है जो 1885 से मौजूद थी।आत्मनिरीक्षण किए जाने की जरूरत थी। मुझे लगता है कि 20 दिसंबर, 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती।’

गुलाम नबी आजाद बोले- ‘नष्ट हो चुका है सबसे पुराना दल’

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने करीब पांच दशकों के बाद शुक्रवार को पार्टी को अलविदा कह दिया और दावा किया कि देश का सबसे पुराना दल अब समग्र रूप से नष्ट हो चुका है और इसका नेतृत्व आतंरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है।

उन्होंने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर अपरिपक्व और बचकाने व्यवहार का भी आरोप लगाया और कहा कि अब सोनिया गांधी नाममात्र की नेता रह गई हैं क्योंकि फैसले राहुल गांधी के सुरक्षागार्ड और निजी सहायक करते हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में अपनी शिकायतों का सिलसिलेवार उल्लेख किया । 73 वर्षीय आजाद ने कहा कि वह भारी मन से यह कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिये और प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के लिये स्थान खाली कर दिया।

कांग्रेस ने किया पलटवार

वहीं कांग्रेस ने आजाद पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका डीएनए अब मोदी-मय हो चुका है और उनका रिमोट कंट्रोल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है जिस कारण उन्होंने पार्टी के साथ धोखा किया है।

आजाद ने कांग्रेस से अपना रिश्ता उस वक्त तोड़ा है जब पार्टी संगठनात्मक चुनाव की दिशा में आगे बढ़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तिथि निर्धारित करने के संदर्भ में कांग्रेस कार्य समिति रविवार को बैठक करने वाली है। आजाद फिलहाल कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य थे।

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