सुप्रीम कोर्ट में आज फिर चुनाव में मुफ्त की योजनाओं की घोषणा किए जाने के मामले पर सुनवाई होनी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विशेषज्ञों की समिति बनाने की बात कही थी।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ कर रही है। अदालत भारत सरकार, याचिकाकर्ता और वकील कपिल सिब्बल से मामले को लेकर सुझाव मांग चुकी है। कोर्ट ने इसके लिए सात दिन का समय दिया था। सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि चुनाव में मुफ्त की योजनाओं से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता है। कोर्ट ने भारत सरकार और चुनाव आयोग से ऐसी योजनाओं पर विचार करने के लिए कहा था।
इससे पहले कोर्ट में 11 अगस्त और उससे पहले तीन अगस्त को सुनवाई हुई थी। कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि मुफ्त की योजनाओं की घोषणा करने वाली राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद्द होनी चाहिए। याचिका के खिलाफ आम आदमी पार्टी कोर्ट पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसा था, इसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि करदाताओं के साथ तब धोखा होता जब चंद साथियों के बैंक कर्ज माफ कर दिए जाते हैं। उन्होंने मुफ्त योजनाओं को लेकर जनमत संग्रह कराने का चैलेंज भी दिया था।
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