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जापान में भूकंप से तबाही, कई घरों हुए धाराशायी, बुलेट ट्रेन उतरी पतरी से

जापान के फुकुशिमा शहर में भूकंप आने के बाद राजधानी टोक्यो में भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। लोग घर छोड़कर इधर-उधर भागने लगे। कई घरों की दीवारें धाराशायी हो गईं। इतना ही नहीं चलती बुलेट ट्रेन पटरी से उतर गई।

 

उत्तरी जापान के फुकुशिमा इलाके में बुधवार शाम 7.3 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के आने से सनसनी फैल गई। इसके कुछ देर बाद ही सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। भूकंप के आने के बाद से लोगों के बीच दहशत का माहौल है। ताजा जानकारी के अनुसार इस भूकंप में अब तक चार लोगों की मौत हुई है जबकि 126 घायल बताए जा रहे हैं। सरकार ने एहतियान कदम उठाते हुए 20 लाख से अधिक घरों की बिजली काटने का आदेश दे दिया। भूकंप के बाद उत्तरी जापान कई शॉपिंग मॉल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

चलती बुलेट ट्रेन पटरी से नीचे उतरी

भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां एक चलती बुलेट ट्रेन पटरी से नीचे उतर गई। उस वक्त ट्रेन में लगभग 100 लोग सवार थे। हालांकि इस दौरान कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ। जापान की ईस्ट निप्पॉन कंपनी के मुताबिक कई एक्सप्रेसवे को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। इसके अलावा और भी कई बुलेट ट्रेनों को बंद कर दिया गया है।

सुनामी की चेतावनी जारी

जापान के मौसम विभाग ने बताया है कि देश के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। भूकंप के असर से फुकुशिमा के तट पर तीन फुट तक की लहरें उठ सकती हैं। हालात पर नजर रखी जा रही है।

रातभर महसूस किए गए झटके

जापान में भूकंप बुधवार रात 8.06 बजे आया था। इसका केंद्र टोक्यो से 297 किमी दूर था। इससे पूर्वी जापान में व्यापक तबाही की खबर है। पूर्वी जापान के बड़े हिस्से में रात भर झटके आए। कुछ झटकों की तीव्रता 7.4 तक आंकी गई। ड्रोन से ली गई तस्वीरों में मियागी प्रांत के शिरोशी में एक बुलेट ट्रेन पटरी से उतरी दिख रही है।
टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के अनुसार भूकंप के कारण जापान के करीब 20 लाख घरों की बिजली गुल हो गई है। भूकंप के यह झटके बेहद तेज थे। जिनके बाद सुनामी का अलर्ट जारी किया गया था।

11 साल पहले आई थी सुनामी

11 मार्च साल 2011 का दिन जापान के लिए दिल दहलाने वाला दिन रहा था। इस दिन रिक्टर स्केल पर 9 की तीव्रता का भूकंप उत्तरपूर्वी जापान के तट पर आया था, जिससे निकली सुनामी (Tsunami) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।

जानें क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर  कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।

जानिए भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

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