झारखंड के रांची से एक अच्छी खबर सामने आई, जिसमें अधिकारी पीड़ित के लिए भाग दौड़े नजर आए। दरअसल, एक बच्ची डायबिटीज मेलाइट्स नामक बीमारी से पीड़ित थी। उसे इलाज के लिए आयुष्मान योजना का लाभ लेना था, लेकिन उसके पास आधार कार्ड नहीं था।
जानकारी मिलते ही आधार के एडिशनल डायरेक्टर जेनरल नीरज कुमार ने अधिकारियों को रानी अस्पताल भेज दिया, जहां बच्ची का इलाज होना था।
ऐसा अमुनन क्या हो सकता है कभी देखने को ही ना मिला हो। आधार बनाने वाली टीम ने अस्पताल जाकर उस बच्ची का आधार कार्ड बनवाया, जिसके बाद उसे आयुष्मान योजना का लाभ मिल सका। जानकारी के मुताबिक, अब बच्ची इलाजरत है।
बता दें कि जिस आयुष्मान योजना को लेकर तत्काल आधार कार्ड बनाने की कवायद हुई, वह आयुष्मान भारत योजना या फिर जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी कहते हैं, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है। इसे 1 अप्रैल 2018 को पूरे भारत मे लागू किया गया था। 2018 के बजट सत्र में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (बीपीएल धारक) को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है।
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