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टेक्सटाइल के बाद पानीपत के धागे भी विश्व में अपना परचम लहरा रहे, रंगीन धागा बनाने में पानीपत अब इटली को पीछे छोड़कर दुनिया में नंबर वन बन गया

टेक्सटाइल के बाद पानीपत के धागे भी विश्व में अपना परचम लहरा रहे हैं। रंगीन धागा बनाने में पानीपत अब इटली को पीछे छोड़कर दुनिया में नंबर वन बन गया है। यहां 135 उद्योगों में प्रतिदिन 35 लाख किलोग्राम धागे का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि इटली 20 लाख किलोग्राम उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर है।

 

पानीपत के धागे की खास बात यह है कि उद्यमी पानी का इस्तेमाल किए बिना जर्मनी में बनी अत्याधुनिक मशीनों से उत्पादन कर रहे हैं। इससे हर रोज करोड़ों लीटर पानी बच रहा है। औद्योगिक नगरी में ऐसी 510 मशीनें लगाई गई हैं, जिन्होंने धागा उद्योग में क्रांति का संचार किया है। एक नई मशीन पुरानी तीन मशीनों के बराबर है। इसकी उत्पाद गुणवत्ता भी पुरानी मशीनों से दोगुनी अच्छी हैं।

नई मशीनों के इस्तेमाल से पानीपत में प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में मदद मिली है। पानीपत से कुल 16,000 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें धागा व्यापार का बड़ा योगदान है।

इटली से ऐसे निकला आगे
35,00,000 किलो धागे का पानीपत में प्रतिदिन उत्पादन
20,00,000 किलोग्राम का ही उत्पादन कर रहा इटली

उत्पादन दोगुना, गुणवत्ता भी अच्छी

  • अत्याधुनिक जर्मन मशीनों के इस्तेमाल से तीन साल में धागे का उत्पादन बढ़कर दोगुना से अधिक हो चुका है। इसकी गुणवत्ता भी दूसरे देशों के धागे से अच्छी मानी जाती है।
  • 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल
  • पानीपत के धागे का घरेलू बाजार के साथ दुनिया के कई देशों में निर्यात हो रहा है। 60 से अधिक देशों में यहां के धागे का इस्तेमाल होता है।
  • सबसे अधिक खपत यूरोप में होती है। पानीपत के धागे से महंगी टी-शर्ट बनाई जा रही हैं। कंबल उद्यमी भी अब धागा उत्पादन में कदम रख रहे हैं।
  • खास बातें
  • 16,000 करोड़ का निर्यात होता है पानीपत से, जिसमें धागा उद्योग का बड़ा योगदान
  • जर्मन मशीनों की मदद से हर रोज बच रहा करोड़ों लीटर पानी, प्रदूषण नियंत्रण में भी मददगार

उद्यमियों और देश के लिए गर्व का विषय : सचदेवा

उत्तर भारत रोटर्स स्पिनर्स एसोसिएशन के प्रधान प्रीतम सचदेवा ने बताया कि रंगीन धागे के उत्पादन में पानीपत ने कीर्तिमान स्थापित करते हुए इटली को पीछे छोड़ दिया है। यह उद्यमियों के लिए ही नहीं बल्कि देश के लिए भी गर्व का विषय है। यहां बिना पानी इस्तेमाल के रंगीन धागे का उत्पादन किया जा रहा है। हर रोज 35 लाख किलोग्राम धागे का उत्पादन हो रहा है, जो विश्व में सबसे ज्यादा है।

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