दिल्ली-एनसीआर गुरुवार सुबह एक बार फिर कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। कुछ दिनों की राहत के बाद दिल्ली-एनसीआर में कोहरे के साथ ही कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है।वहीं उत्तर भारत ठंड से बुरी तरह कांप रहा है। साथ ही कोहरे का कहर जारी है। पहाड़ी इलाकों में तापमान में गिरावट से लोगों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। दृश्यता की कमी और अन्य परिचालन कारणों से 28 जनवरी को 17 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, आगामी दिनों में जल्द ठंड से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
गुरुवार सुबह दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद और गाजियाबाद में कोहरे से विजिबिलिटी घटकर कुछ मीटर ही रह गई। कोहरा इतना घना कि 10 से 15 मीटर तक भी कुछ देखना मुश्किल हो गया। दिल्ली में कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। मौसम विभाग ने आज न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान जाहिर किया है। इसके साथ अधिकतम तापमान 21 डिग्री रहने का अनुमान है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिन में न्यूनतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट का अनुमान है, इससे कुछ दिनों तक शीतलहर जारी रह सकती है। उन्होंने कहा कि मैदानी इलाकों में चल रही बर्फीली हवाओं से पारा और नीचे गिर सकता है। बता दें कि मैदानी इलाकों में यदि न्यूनतम तापमान गिरकर चार डिग्री सेल्सियस तक हो जाता है, तो आईएमडी शीतलहर की घोषणा कर देता है। गंभीर शीतलहर की स्थिति तब होती है, जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किया जाता है।
मौसम विभाग का कहना कि सप्ताह के आखिर तक उत्तर पश्चिमी भारत के कई इलाकों न्यूनतम तापमान दर्ज करेंगे। इसके साथ-साथ शीतलहर और कोल्ड डे की स्थिति भी देखने को मिल सकती है। उत्तर पश्चिम भारत के कई शहरों और शहरों में बुधवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। राजस्थान के चूरू में 2.1 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 4.9 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। उदयपुर में 2.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.4 डिग्री कम था।
उत्तरी भारत के कई इलाकों में हाड़ कंपाने वाली सर्दी के साथ ही कोहरे का कहर भी जारी है। गुरुवार सुबह 5.30 बजे अंबाला, लखनऊ, वाराणसी में दृश्यता 25 मीटर से कम थी। बहराइच, सुल्तानपुर, पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया प्रत्येक में 50 मीटर से कम दृश्यता देखी गई। पटियाला, बरेली, गोरखपुर, कैलाशहर, अगरतला में 200 मीटर की दूरी से कुछ भी देख पाना मुश्किल हो रहा था और दिल्ली के पालम और सफदरजंग में 500 मीटर तक दृश्यता थी।
पहाड़ों से होकर आ रही बर्फीली हवा के कारण उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाके गलन और ठिठुरन भरी सर्दी की चपेट में हैं और इस पूरे हफ्ते राहत की कोई उम्मीद नहीं है। आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में हाल में हुई बर्फबारी के बाद वहां से होकर आ रही बर्फीली हवा की वजह से मैदानी इलाकों में गलन भरी सर्दी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि बर्फीली हवा के अलावा कोहरे और धुंध के कारण खिली धूप नहीं निकलने की वजह से भी गलन से राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि ठिठुरन भरी सर्दी का यह सिलसिला इस पूरे हफ्ते जारी रहने का अनुमान है, उसके बाद कुछ राहत महसूस होगी।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश में कई इलाके प्रचंड शीतलहर की चपेट में रहे और इस दौरान कुछ इलाकों में सुबह और रात में कोहरा छाया रहा। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान मेरठ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा जहां न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान भी प्रदेश में कई स्थानों पर शीतलहर चलने का अनुमान है। राज्य में मौसम आमतौर पर सूखा रहेगा।
एक फरवरी से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित होने की संभावना है। 1 से 3 फरवरी के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में मध्यम गरज और बिजली के साथ छिटपुट बारिश या बर्फबारी की संभावना है। पहाड़ों पर मौसम में आए इस बदलाव से मैदानी इलाकों में भी इसका असर देखने को मिलेगा।
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