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दिल्ली के समयक जैन ने सिविल सेवा परीक्षा में हासिल की 7 वीं रैंक, कहा- सरकारी नीतियों का धरातल पर पूर्ण कार्यान्वयन होगा पहला लक्ष्य

दिल्ली के शहादरा में जन्में और मौजूदा समय में रोहिणी में रह रहे सम्यक जैन ने सिविल सेवा परीक्षा में 7वीं रैंक हासिल की है।

सम्यक का कहना है कि पत्रकारिता के कोर्स और यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्होंने जाना कि देश में सुधार और विकास के लिए सरकार द्वारा जो नीतियां बनाई जा रही हैं वह बढिय़ा हैं। अगर उनका अच्छी तरह से कार्यान्वयन हो जाए तो देश के विकास को गति मिल सकती है।

रोहिणी के सम्यक ने दूसरे प्रयास में हासिल की 7वीं रैंक

अधिकारी बनने के बाद पहला काम इन नीतियों का सही से कार्यान्वयन करना होगा। इसके अलावा मैं लड़कियों की शिक्षा के लिए, महिला सशक्तिकरण व लिंग अनुपात सुधारने आदि क्षेत्रों के लिए भी काम करना चाहूंगा। सम्यक के पिता संजय जैन एयर इंडिया में फ्रांस के कंट्री मैनेजर पद पर पेरिस में कार्यरत हैं। वहीं सम्यक की मां वंदना जैन एयर इंडिया के फाइनांस विभाग में मैनेजर हैं। सम्यक ने यूपीएससी उम्मीदवारों को सलाह में कहा कि सबसे पहले सकारात्मक रहना सीखें। हमेशा विश्वास रखें कि आपके लिय कु छ भी मुश्किल नहीं है। बस ध्यान रहे कि उसमें निरंतरता बनाए रखें। हमेशा अपना मूल्यांकन करते रहें, मॉक टेस्ट का विकल्प चुनें। हर अटेम्ट को अपना अंतिम अटेम्ट मानकर परीक्षा दें।

18 वर्ष की आयु में आंख की रौशनी हो गई कम

सम्यक ने कहा कि 12वीं के बाद जब बीटेक कम्प्यूटर साइंस कर रहा था। तो पहले वर्ष में मुझे आंखों में मैकुलर डिजनरेशन का पता चला। ये है तो एक जेनेटिक बीमारी लेकिन इस परिवार से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं ता। इसमें मेरी आंखों की रोशनी कम हो गई। शहादरा से स्कू लिंग के बाद पापा का ट्रांसफर मुंबई हो गया था। तो मेरी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई मुंबई से ही हुई। 2015 में वापस हम दिल्ली आ गए।

डीयू, आईआईएमसी, जेएनयू से की पढ़ाई

सम्यक ने बताया कि मुंबई से जब दिल्ली आया तो यहां डीयू से मैंने अंग्रेजी में बीए किया। जिसके बाद मेरा काफी रुझान पत्रकारिता की तरफ था। मैं रोज अखबार पड़ता था। मैने 2018-19 में आईआईएमसी से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया। जिसके बाद जेएनयू में परास्नातक के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंध विषय में दाखिला लिया।

मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन में आया पढ़ाई का ख्याल

सम्यक ने कहा कि कोविड के कारण जब लॉकडाउन लगा तो स्कूल कॉलेज बंद हो गए। काफी समय था मैने सोचा क्यूं न यूपीएससी की तैयारी कर ली जाए। टेक्नोलॉजी का जमाना है कम्प्यूटर को पीडीएफ में कि ताब दो तो सॉफ्टवेयर पूरी किताब पढ़ देता है। ये परीक्षा मेरा दूसरा प्रयास थी।

मां को बताया रोल मॉडल

सम्यक ने कहा कि मैं मेरी मां से बहुत प्रभावित हूं। वही मेरी रोल मॉडल हैं। उन्हीं ने दोनों पेपरों में मेरे राइटर की भूमिका अदा की है। इसके अलावा मैं अपने पिता और बहन से भी प्रभावित हूं। बहन यूएस में नौकरी करती है।

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