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फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत की मौत विदेश मंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत मुकुल आर्य ( Indian Ambassador in Palestine) का निधन हो गया है। उनका शव रामल्ला स्थित भारतीय दूतावास के हेड क्वार्टर में मिला। उनकी मौत की वजह फिलहाल साफ नहीं हो पाई है।

 

फिलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने आर्य के निधन की जानकारी दी है। फिलिस्तीनी सरकार ने मुकुल आर्य के निधन पर शोक जताया है। फिलिस्तीनी पुलिस भारतीय राजनयिक के मौत के कारणों की जांच भी कर रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आर्य की मौत पर दुख जताते हुए उन्हें बेहतरीन अफसर बताया है।

 

फिलिस्तीन के विदेश मंत्री डॉक्टर रियाद अल मालिकी ने अपनी संवेदना जाहिर करते हुए कहा, ‘हम मुकुल आर्य के निधन पर शोक जताते हैं। वे एक बेहतरीन अफसर उससे भी बढ़कर बहुत अच्छे दोस्त थे। फिलिस्तीन सरकार इस मामले में हर मुमकिन मदद करेगी। मुकुल का फिलिस्तीन से गहरा जुड़ाव था वो इस क्षेत्र के गहरे जानकार थे। हमारे राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी आर्य के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। फिलिस्तीन सरकार आर्य की अंतिम विदाई के लिए अपना प्रतिनिधि भेजने जा रही है।’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जताया शोक

फिलिस्तीन में भारतीय राजदूत मुकुल आर्य के आकस्मिक निधन के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर लिखा, ‘रामल्ला में भारत के राजदूत मुकुल आर्य के निधन की खबर से गहरा दुख पहुंचा है। उनके परिवार प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति’ उन्होंने मुकुल आर्य को टैलेंटेड ऑफिसर बताया।

 

 

फिलिस्तीनी सरकार ने मुकुल आर्य के निधन पर शोक जताया है। मुकुल आर्य यूनेस्को में भी भारत के लिए काम कर चुके हैं। इजराइल फिलिस्तीन विवाद में भारत की भूमिका तटस्थ

 

JNU दिल्ली के छात्र रहे मुकुल आर्य

मुकुल आर्य यूनेस्को में भी भारत के लिए काम कर चुके हैं। इसके अलावा वो काबुल मॉस्को में भारत के राजदूत रह चुके हैं। उनकी शिक्षा दिल्ली में हुई। मशहूर दिल्ली यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली के भी छात्र रहे हैं। साल 2008 में वो भारतीय विदेश सेवा के लिए चुने गए थे। मुकुल आर्य ने विदेश मंत्रालय के मुख्यालय, नई दिल्ली में भी काम किया था।

 

इजराइल-फिलिस्तीन के साथ भारत का बेहतर रिश्ता

इजराइल के साथ ही भारत के फिलिस्तीन सरकार से भी बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं। इजराइल फिलिस्तीन विवाद में भारत की भूमिका हमेशा तटस्थ रही है। भारत इजराइल फिलिस्तीन के विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने पर जोर देता आया है। मोहम्मद अब्बास फिलिस्तीन के राष्ट्रपति हैं पिछली बार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजराइल गए थे तब उन्होंने फिलिस्तीन का भी दौरा किया था।

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