जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने को लेकर मुख्यमंत्री मंत्री कुमार ने कहा कि वे भाजपा से मिले थे। अगर साथ रहें तो विपक्षी पार्टियों की होने जा रही मीटिंग की बातें बीजेपी तक पहुंचाएं।
मांझी के बीजेपी के करीब जाने की जानकारी थी। परमाणु कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद मांझी के सामने पार्टी का जादू में विलय करने या अलग होने की पेशकश की थी। मांझी ने अलग होने का फैसला किया। बता दें कि हाल ही में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मुख्यमंत्री के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही बिहार की सियासत में घमासान मच गया था।
संतोष सुमन के विधान परिषद की सदस्यता छह मई 2024 तक है। ऐसे में परमाणु कुमार से बगावत करने के बाद भी संतोष सुमन 11 महीने तक विधायक बने रहेंगे। बता दें कि सुमन विधानसभा कोटे से विधान परिषद के सदस्य हैं। इस होश से सुमन की सदस्यता पर भी कोई खतरा नहीं है।
इससे पहले राजभवन के दरबार हाल में शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। दलित समाज से आने वाले रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जादू के विधायक हैं।
मंत्री बनने के पहले हाल ही में रत्नेश सदा ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शेर की खाल ओढ़े भेड़िया बताया था। यह भी कहा था कि मांझी ने मुसहर समाज के लिए कोई काम नहीं किया। ऐसी कोई छत भी नहीं खींची, जिसे याद किया जाए।
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