उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से भारतीय जनता पार्टी ने टिकट के दावेदारों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। बीजेपी ने चुनाव में एक परिवार-एक टिकट का फार्मूला लागू करने का फैसला किया है। लिहाजा पार्टी के इस फैसले से उन नेताओं की दिक्कतें बढ़ गई हैं। जिनके परिवार में टिकट के दावेदार ज्यादा है। लिहाजा इन नेताओं ने अन्य विकल्पों की तलाश कर दी है। राज्य में कई सियासी परिवार हैं। जो अपने परिवार के कई नेताओं के लिए टिकट की डिमांड कर रहे हैं।
असल में कुछ दिग्गज नेता अपने बेटों या रिश्तेदारों के लिए भी टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं और इसके लिए पार्टी हाईकमान पर दबाव भी बना रहे हैं। जबकि पार्टी में टिकट के दावेदारों की कतार लगी है. ऐसे में पार्टी बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों को टिकट देकर पार्टी कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहती है। अगर पार्टी में परिवार के लोगों के लिए टिकट की डिमांड करने की बात करें तो इस मामले में राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत सबसे आगे है। हरक सिंह अपनी बहू के लिए लैंसडाउन की मांग कर रहे हैं। जबकि वह कोटद्वार से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। अनुश्री हरक की बहू लंबे समय से लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र में भी सक्रिय है और हरक भी चाहते हैं कि पार्टी उन्हें टिकट दे। जबकि लैंसडाउन से बीजेपी विधायक दिलीप सिंह रावत और हरक के बीच छत्तीस का आंकड़ा है।
वहीं राज्य के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज अपने बेटे सुयश की राजनीति में एंट्री चाहते हैं और पार्टी से टिकट की मांग कर रहे हैं। सुयश शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं और छात्रों को मुफ्त किताबें और कपड़े भी वितरित करते हैं। वहीं महाराज बद्रीनाथ विधानसभा सीट से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं, जबकि इस बार भी उनका चौबट्टाखाल से लड़ना तय माना जा रहा है। वहीं बीजेपी विधायक मुन्ना चौहान विकासनगर से टिकट मांग रहे हैं और माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें वहां से टिकट देग।. लेकिन चौहान अपनी पत्नी मधु चौहान के लिए टिकट मांग रहे हैं। मधु चौहान जिला पंचायत की अध्यक्ष भी हैं।
बताया जा रहा है कि विकासनगर के विधायक मुन्ना चौहान को चकराता से टिकट दिया जा सकता है। क्योंकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता चकराता से टिकट मांग रहे हैं। चकराता में मुन्ना और मधु चौहान की पकड़ मजबूत मानी जाती है। इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत भी अपने बेटे के लिए टिकट चाहते हैं। भगत अपने बेटे विकास भगत के लिए कालाढूंगी के टिकट मांग रहे हैं। हालांकि बंशीधर भगत खुद चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। लिहाजा इस सीट पर उनके बेटे को टिकट दिया जा सकता है। जबकि पार्टी में कई नेता टिकट की मांग कर रहे हैं. जो पहले से ही क्षेत्र में सक्रिय हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव का मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव…
आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा के फैंस बेसब्री…
देश के बैंकों में 35 हजार करोड़ रुपये ऐसे पड़े हैं, जिन पर किसी ने…
आमिर खान की फिल्म '3 इडियट्स' में लाइब्रेरियन 'दुबे जी' का किरदार निभाने वाले अखिल…
मंगलवार को सऊदी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ऑफ-प्लान रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचने और पट्टे पर…
क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी…
This website uses cookies.