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भारतीय नौसेना ने जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित मानसबल झील में अपने प्रशिक्षण क्षेत्र को 33 साल बाद फिर शुरू किया

भारतीय नौसेना ने जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले में स्थित मानसबल झील में अपने प्रशिक्षण क्षेत्र को 33 साल बाद फिर शुरू किया है। तत्कालीन राज्य में आतंकवाद शुरू होने के बाद इसे बंद कर दिया गया था।

 

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के नौसेना प्रशिक्षण के लिए मानसबल झील की सुविधा उत्कृष्ट थी। हालांकि, सुरक्षा स्थिति खराब होने के कारण 1989 में इसे छोड़ना पड़ा और प्रशिक्षण केंद्र को जम्मू में मानसर झील में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में सुधार के साथ 33 साल बाद नौसैनिक प्रशिक्षण क्षेत्र को फिर से शुरू किया गया है। मानसबल विकास प्राधिकरण द्वारा पर्याप्त बुनियादी ढांचे के साथ एक उपयुक्त शिविर भी मुहैया कराया है तथा दो प्रशिक्षण नौकाएं मानसर से यहां लाई गई हैं।

 

कैंप में 100 एनसीसी कैडेट ले रहे ट्रेनिंग

 श्रीनगर एनसीसी ग्रुप के कमांडर ब्रिगेडियर केएस कलसी ने प्रशिक्षण स्थल पर कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है एवं कश्मीर घाटी में एनसीसी के लिए एक खास दिन है। उन्होंने कहा कि 33 साल के अंतराल के बाद मानसबल झील के इस खूबसूरत स्थान पर एनसीसी प्रशिक्षण गतिविधियां फिर शुरू हो रही हैं। उन्होंने कहा कि शिविर में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न कॉलेज की लड़कियों सहित 100 एनसीसी कैडेट भाग ले रहे हैं।’

26 सितंबर तक चलेगा मौजूदा शिविर

उनका कहना है कि यह मौजूदा शिविर 26 सितंबर तक चलेगा। इसमें कैडेट्स को 2 अक्टूबर से विशाखापट्टनम में शुरू हो रहे राष्ट्रीय स्तर के एनसीसी कैंप के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ब्रिगेडियर कलसी ने कहा कि एनसीसी राष्ट्र निर्माण का एक प्रमुख अंग है और इसका मकसद देश के युवाओं को अनुशासित करना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रशिक्षित करना है। उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए भी प्रशिक्षण देते हैं।’

1989 में बंद हुआ था नौसैन्य अड्डा

उन्होंने कहा कि स्थानीय युवकों को इसके जरिये एनसीसी में भी शामिल होने का मौका मिलेगा। एनसीसी ने जम्मू कश्मीर में अपनी गतिविधियां 1965 में शुरू की थीं। लेकिन मानसबल झील पर बना उसका नौसैन्य अड्डा 1989 में बंद कर दिया गया था। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया गया था। जैसे ही वहां के हालात सुधरे तो सेंटर को फिर से शुरू कर दिया गया। इस सेंटर पर प्रशिक्षण के लिए आ रहे कैडेट को यहां बोट चलाने, समुद्री सफर, सिग्निलिंग और शिप मॉडलिंग की ट्रेनिंग दी जाती है।

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