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भारत ने दिया दोनों देशों के बीच सामंजस्‍य बनाने पर जोर, यूक्रेन को मानवीय मदद भेजेगा भारत, यूएन में वोटिंग से अनुपस्थित रहकर दिए तटस्‍थ रहने के संकेत

रूस-यूक्रेन विवाद को लेकर भारत की शुरू से ही यह कोशिश है कि दोनों देशों के बीच अपने हितों को बेहतर तरीके से सुरक्षित रखने की कोशिश हो।

इस क्रम में सोमवार को भारत ने यूक्रेन को मानवीय आधार पर मदद भेजने का एलान किया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि भारत अभी मुख्य तौर पर दवाइयों की आपूर्ति करेगा। उधर, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत अपने पुराने स्टैंड को जारी रखते हुए रूस के हितों को प्रभावित करने वाले एक और वोटिंग से अलग रहा है।

तीन देशों ने लिया हिस्‍सा

यह वोटिंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूस के हमले पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में चर्चा करने के संबंध में करवाया गया था। भारत, चीन और यूएई ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि इसका कोई असर नहीं हुआ और तीन मार्च, 2022 को अब इस मुद्दे पर यूएनएचआरसी में आपातकालीन चर्चा कराने का फैसला किया गया।

भारत भेजेगा मदद

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार यूक्रेन को दवाइयां व दूसरे मदद भेजेगी। लेकिन इसके बारे में उन्होंने वस्तार से जानकारी नहीं दी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को सुबह हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया।

हजारों भारतीय छात्र फंसे

सनद रहे कि यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने के लिए वहां के प्रशासन की मदद चाहिए। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति से और विदेश मंत्री एस.जयशंकर की वहां के विदेश मंत्री से हुई टेलीफोन वार्ता में यही मुद्दा प्रमुखता से उठा था।

UNSC में भारत के रुख पर नाराजगी

उधर, नई दिल्ली में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने यूएनएससी में भारत के रुख पर नाराजगी जताते हुए यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित रखने की मांग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से होनी चाहिए। राष्ट्रपति पुतिन को भारतीय छात्रों को सुरक्षित रखने का आश्वासन देना चाहिए।

संकट को सुलझाने की कोशिश

इगोर पोलिखा ने कहा कि आपके राजनेता इस संकट को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं और यूक्रेन हरसंभव मदद करने की कोशिश कर रहा है। यह संकट का काल है और यह संकट बहुत गहरा है। इगोर ने कहा कि वो स्वयं यूक्रेन की सीमा पर तैनात अधिकारियों व सुरक्षा गाडरें के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने भारत से यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने में मदद करने की अपील की है।

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