UAE

मंगल अभियान के बाद अब 2024 में चांद पर रोवर भेजेगा UAE

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अब उन देशों में शामिल होने की तैयारी में हैं जो चंद्रमा (Moon) पर अपने रोवर (Rover) भेजना चाहते हैं.  यूएई ने साल 2024 में चंद्रमा पर राशिद (Rashid) नाम का रोवर भेजने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. यूएई का यह अभियान उसके लंबे समय में मंगल (Mars) पर इंसान भेजने की योजना का हिस्सा है जिसके लिए यह रोवर चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री भेजने संबंधी कई तरह के प्रयोग और जानकारी हासिल करेगा.

मंगल की राह पर पहले ही है एक अभियान
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब देश का होप मंगल अभियान पृथ्वी की कक्षा बाहर लाल ग्रह की ओर जा रहा है. होप मंगल का चक्कर लगाते हुए उसके वायुमंडल और जलवायु का अध्ययन करेगा. होप को इसी साल जुलाई में प्रक्षेपित किया गया था. इसी महीने चीन ने भी अपने मंगल अभियान का प्रक्षेपण किया था.

क्या है इसके उद्देश्य
चंद्रमा के लिए यह अभियान नई तकनीक विकसित करने के साथ ही उन संभावनाओं का भी अध्ययन करेगा जिसमें लंबे अभियान के तहत अंतरिक्ष यात्री चांद पर जा सकें. यूएई के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर (MBRSC) के अदनान अलरईस ने स्पेस डॉटकॉम को बताया, “इस अभियान के बहुत सारे वैज्ञानिक उद्देश्य हैं जो हमें चंद्रमा को बेहतर तरीके से समझने में मददगार होंगे और साथ ही में हमें भविष्य में मंगल पर इंसान भेजने और वहां रहने के हमारे अंतिम लक्ष्य के लिए सहायता करेंगे.

इस बड़ी योजना का हिस्सा
अलरईस MBRSC के मार्स 2117 कार्यक्रम के प्रमुख हैं जो साल 2017 में बनाया गया था जिसका लक्ष्य एक शताब्दी में मंगल तक इंसान को पहुंचाने का लक्ष्य है. इस कार्यक्रम के तहत यूएई अपने रेगिस्तान में मार्स साइंस सिटी विकसित कर रहा है.

दो और अंतरिक्ष यात्रियों का चयनइसी बीच यूएई के एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम के तहत दो नए अंतरिक्ष यात्रियों का चुना जा रहा है. देश में इस समय दो अंतरिक्ष यात्री हैं जिनमें से एक ने साल 2019 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में एक सप्ताह का समय बिताया है. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री अतिरिक्त प्रशिक्षण के लिए नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर भेजे गए हैं.चंद्रमा की ऊपरी परत के चुंबकीकरण के सिद्धांत को वैज्ञानिकों ने किया खारिजचंद्रमा को इतनी अहमियत क्योंचंद्रमा दुनिया की सभी स्पेस एजेंसियों के लिए मंगल के लिए अभियानों के लिए एक पड़ाव की तरह है. वह मंगल पर इंसान भेजने संबंधी सभी तकनीकियों के लिए एक तरह से परीक्षण की जगह मानी जा रही है. इस नए चंद्र अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर हामिद अल मर्जोकी का कहना है कि चंद्रमा पर जाना अहमियत रखता है क्योंकि चंद्रमा मंगल की तुलना में पृथ्वी के पास है. यह हमें भविष्य के अभियानों के लिए मदद करेगा.”अभी रॉकेट का चयन नहींइस अभियान के बाबे में बात करते हुए मर्जोकी ने कहा कि इस समय टीम का ध्यान इस शुरुआती रोवर पर है. इसका नाम वर्तमान शेख के दिवंगत पिता शेख राशिद बिन साईद अल मख्तोम के नाम पर रखा गया है चो यूएई के संस्थापकों में से एक हैं. फिलहाल यूएई ने 2024 में रोवर के प्रक्षेपण के लिए रॉकेट का चयन नहीं किया है.

लैंडिंग साइट का चयन आवश्यक
मर्जोकी ने बताया है कि अभी इस अभियान में लगी टीम को लैंडिंग साइट का चयन करना है इसके लिए उन्हें पांच जगहों में से एक का चुनाव करना है जो चंद्रमा की भूमध्य रेखा के पास हैं. ये ऐसी जगह हैं जहां अभी तक कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं उतरा है.

चार पहियों वाले राशिद रोवर के साथ एक हाई रिजोल्यूशन कैमरा, एक थर्मल इमेजर, और एक माइक्रोस्कोपिक इमेजर भी होंगे जो चंद्रमा की मिट्टी के बारे में वैज्ञानिकों को विस्तार से जानकारी देंगे. इसके अलावा यह रोवर स्पेस सूट की सामग्री, चंद्रमा पर पड़ने वाले हानिकारक कॉस्मिक विकिरण, सौर पवन आदि के प्रभाव का भी अध्ययन करेगा.

The Gulf Indians

Recent Posts

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए मतगणना शुरू, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के सभी चार पदों के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव का मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव…

7 months ago

बाजार की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना नए ऑफ-प्लान रियल एस्टेट कानून के प्रमुख लाभों में से एक है

मंगलवार को सऊदी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ऑफ-प्लान रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचने और पट्टे पर…

7 months ago

Crown Prince: सऊदी अरब 21वीं सदी की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है

क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी…

7 months ago

This website uses cookies.