दिल्ली में 8 साल से सत्ता चला रहे आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ समय से एक के बाद एक मुसीबतों में घिरते जा रहे हैं।
महज 10 साल के राजनीतिक सफर में दिल्ली, पंजाब, गुजरात से गोवा तक की विधानसभा में दस्तक दे चुकी पार्टी को अपने सबसे मजबूत गढ़ में अचानक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री को जेल, घोटालों का शोर, जासूसी के आरोप, एलजी से टकराव समेत कई मोर्चों पर सरकार के लिए परेशानी बढ़ गई है। इससे ना सिर्फ सरकार की छवि पर असर पड़ा है बल्कि पार्टी के विस्तार प्लान में भी अड़चनें पड़ती दिख रही हैं।
जेल से निकल नहीं पा रहे मंत्री, ऊपर से विवाद
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और अरविंद केजरीवा के बेहद करीबी कहे जाने वाले सत्येंद्र जैन पिछले साल मई से ही जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार किए गए सत्येंद्र जैन को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। ना सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री के जेल जाने से सरकार की छवि धूमिल हुई,बल्कि तिहाड़ से निकले जैन के मसाज वीडियो ने भी किरकिरी कराई। जेल में बंद अपने मंत्री के लिए भारत रत्न की मांग करते हुए केजरीवाल ने उनका भरसक बचाव किया तो महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने जैन पर वसूली के आरोप जड़ दिए। भाजपा ने जैन के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार की जमकर घेराबंदी की।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की कोख से जन्मी आम आदमी पार्टी ‘कट्टर ईमानदारी’ के दावे करती रही है। लेकिन पिछले कुछ समय में दिल्ली सरकार पर कई घाटोलों के आरोप लगे हैं। क्लासरूम निर्माण,बस खरीद में गड़बड़ी के आरोप लगे तो कथित शराब घोटाले के दाग धोने में पार्टी को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया है। पार्टी से जुड़े विजय नायर को गिरफ्तार किया जा चुका है तो हाल ही में ईडी की ओर से दायर चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी नाम लिया गया है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो एक के बाद एक घोटाले के आरोपों से पार्टी की छवि प्रभावित हुई है।
पहले से ही कई मुद्दों पर घिरी आम आदमी पार्टी पर अब जासूसी के भी आरोप लगे हैं। सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के बाद आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार ने 2015 में विजिलेंस डिपार्टमेंट में एक फीडबैक यूनिट का गठन किया और इससे नेताओं-अफसरों की जासूसी कराई गई। जांच एजेंसी ने विजिलेंस डिपार्टमेंट के मुखिया मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी है। भाजपा ने इसे लपकते हुए आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। वहीं, ‘आप’ आरोपों को झूठा बता रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सीबीआई को जांच की मंजूरी मिल सकती है और ऐसे में केजरीवाल सरकार को एक और बड़ी मुसीबत का सामना करना होगा।
दिल्ली में एलजी के तौर पर वीके सक्सेना की नियुक्ति के बाद से ही दिल्ली सरकार के साथ उनका टकराव चल रहा है। एक के बाद एक मुद्दे पर राजभवन और सरकार में तनातनी देखने को मिल रही है। दोनों ओर से एक दूसरे के खिलाफ खुलकर शब्दबाण इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अधिकारों की लड़ाई भी चरम पर पहुंच गई है। इस टकराव की वजह से सरकार के कामकाज पर बुरा असर पड़ा है। हाल के दिनों में कई विभागों का कामकाज रुका है तो कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलने में दिक्कत आ रही है।
एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 15 साल से निगम की सत्ता में काबिज भाजपा को हरा बहुमत हासिल किया। लेकिन जीत का अंतर इतना बड़ा नहीं रहा कि ‘आप’ आसानी से मेयर सीट पर कब्जा कर सके और कामकाज अपने मुताबिक आगे बढ़ाए। आप को 250 में से 134 सीटों पर जीत हासिल हुई तो केजरीवाल का वह दावा गलत साबित हुआ कि भाजपा 20 से कम सीटों पर सिमट जाएगी। 104 सीटों पर कब्जा करके भाजपा ने हार के बावजूद कड़ी चुनौती पेश की है। यही वजह है कि दो महीने बाद भी अभी तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है और जीत के बावजूद आप को सत्ता नहीं मिल पाई है।
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