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म्यांमार में चार राजनीतिक कैदियों को फांसी देने का विरोध तेज, क्रूरता की सभी हदें पार, 50 साल में पहली बार 4 लोकतंत्र समर्थकों को फांसी पर लटकाया

म्यांमार में चार राजनीतिक कैदियों को फांसी देने का विरोध मंगलवार को और तेज़ हो गया तथा दुनिया भर की सरकारों ने इसकी कड़ी निंदा की।

म्यांमार में सेना की अगुवाई वाली सरकार ने सोमवार को राजनीतिक कैदियों को फांसी देने की जानकारी दी थी। देश में दशकों के बाद पहली आधिकारिक तौर पर फांसी दी गई है। सेना ने 2021 में चुनी हुई नेता आंग सान सू ची की सरकार का फरवरी 2021 में तख्तापलट कर दिया था और तब से उस पर हजारों लोगों की गैर-न्यायेतर हत्याएं करने का आरोप लगा है।

कुआलालंपुर में म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत नोइलीन हेजर के साथ एक प्रेस वार्ता में मलेशिया के विदेश मंत्री सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम मानते हैं कि यह इंसानियत के खिलाफ अपराध है।’ उन्होंने कहा कि दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के विदेश मंत्रियों की आगामी बैठक में म्यांमा में राजनीतिक कैदियों को फांसी देने के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक कंबोडिया में अगले एक हफ्ते में होनी है। म्यांमार भी प्रभावशाली आसियान समूह का हिस्सा है। समूह पिछले साल म्यांमार को लेकर पांच सूत्री योजना पर सहमत हुआ था और इसे लागू करने की कोशिश कर रहा है। इसके तहत सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत, मानवीय सहायता का प्रावधान, हिंसा को तुरंत रोकना और विशेष दूत का सभी पक्षों से मिलना शामिल है।

अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा लगता है कि म्यांमा के जुंता शासक पांच सूत्री प्रक्रिया का मजाक उड़ा रहे हैं। बैंकॉक में लोकतंत्र समर्थक हजारों प्रदर्शनकारियों ने म्यांमार के दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने भारी बारिश के बावजूद नारेबाजी की और झंडे लहराए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि तानाशाह अपनी ताकत का मनमाने तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। म्यांमार सरकार ने सोमवार को घोषणा की थी कि उसने ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी’ (एनएलडी) के पूर्व सांसद, लोकतंत्र समर्थक एक कार्यकर्ता और दो अन्य लोगों को पिछले साल सत्ता पर सेना के कब्जे के बाद हुई हिंसा के मामले में फांसी दे दी है। इनमें 41 वर्षीय फ्यो जेया थॉ शामिल हैं, जो सू ची की पार्टी के पूर्व सांसद हैं। न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री नानैया महुता ने कहा, ‘म्यांमा के सैन्य शासन ने बर्बर कृत किया है। न्यूजीलैंड कठोर शब्दों में इसकी निंदा करता है।’

वहीं, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेन्नी वॉन्ग ने कहा, ‘वह राजनीतिक कैदियों को फांसी दिए जाने से ‘हैरान’ हैं। ऑस्ट्रेलिया सभी परिस्थितियों में किसी भी व्यक्ति के लिए मौत की सजा का विरोध करता है।’ इससे पहले, यूरोपीय संघ, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, नॉर्वे और दक्षिण कोरिया भी एक संयुक्त बयान में म्यांमा में राजनीतिक कैदियों को फांसी देने की निंदा कर चुके हैं। आसियान ने भी इसकी निंदा करते हुए कहा कि यह सैन्य नेतृत्व और विरोधियों के बीच बातचीत कराने की उसकी कोशिशों के लिए झटका है। संगठन ने कहा, ‘हम सभी संबंधित पक्षों से तत्काल ऐसी कार्रवाई से बचने का आह्वान करते हैं, जो संकट को और बढ़ाए, सभी पक्षों के बीच शांति वार्ता में बाधा डाले और न सिर्फ म्यांमा की, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता को खतरे में डाले।’

The Gulf Indians

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