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सीएम अशोक गहलोत ने राजस्व अधिकारियों को भूमि कुर्की मामलों की रिपोर्ट एकत्र करने के दिए निर्देश

राज्य के बजट से पहले सीएम अशोक गहलोत ने राजस्व अधिकारियों को भूमि कुर्की के मामलों की रिपोर्ट एकत्र करने के निर्देश दिए। ऐसा माना जा रहा है कि कृषि कर्जों पर माफी का ऐलान हो सकता है।

राजस्थान (Rajasthan) में गहलोत सरकार 23 फरवरी को राज्य के 2022-23 के बजट की घोषणा करने जा रही है। उससे पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी से कहा है कि जो मांगना है मांग लो, ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा। माना जा रहा है कि यह बजट बहुत खास होगा क्योंकि 2023 के अंत में राजस्थान विधान सभा के चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व अधिकारियों को कर्ज माफी से पहले किसानों की भूमि कुर्की के मामले की रिपोर्ट एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान सरकार ने किसानों की फसल ऋण माफ करने के लिए इस महीने अपने पहले कृषि बजट में 2500 करोड़ आवंटित करने की योजना बनाई है जिन्हें बैंकों ने कर्ज दिया है।

अधिकारियों ने कहा है कि नोटिस या उनके कर्ज चुकाने में विफल रहने पर संपत्ति की कुर्की के लिए प्रक्रिया जारी है। अधिकारी ने यह भी कहा कि राज्य में कर्ज नहीं चुका पाने वाले किसानों की जमीन कुर्क करने के मामले उनके संज्ञान में आए हैं। “राज्य सरकार ने फसल ऋण की वसूली के लिए भूमि की नीलामी की प्रक्रिया को रोकने के आदेश जारी किए थे, जो सरकार की ओर से बैंकों के साथ समन्वय कर रहा है। बैंकों के ऋणी किसानों की स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।

बैंको के द्वारा 9000 नोटिस किये जा चुके हैं जारी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व अधिकारियों को भूमि कुर्की के मामलों की रिपोर्ट एकत्र करने के निर्देश दिए है, यह सामने आया है कि 1,11,000 से अधिक किसानों के खिलाफ भूमि कुर्की की प्रक्रिया चल रही है, उनमें से 9000 को बैंकों द्वारा नोटिस जारी किए गए थे। दूसरे अधिकारी ने कहा कि 3 लाख से अधिक किसानों के 6018 करोड़ के कर्ज को गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित किया गया है। राजस्थान कृषि ऋण संचालन अधिनियम 2500 करोड़ से 3000 करोड़ के ऋण कुर्की के दायरे में आते हैं। राज्य सरकार इन कर्जों को माफ करने की योजना बना रही है।

अपने चुनावी वादे को पूरा करना चाहती है कांग्रेस सरकार

अशोक गहलोत ने कहा कि कोई भी देश कृषि के बिना प्रगति नहीं कर सकता। 2022 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने वादे के अनुसार किसानों की आय दुगनी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की आय बढ़ाने जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि के लिए अलग बजट पेश कर रही है। यह देश में दूसरी राज्य सरकार है जो अलग से कृषि बजट पेश करने जा रही है। पहली बार कोई राज्य 14 अगस्त 2021 को तमिलनाडु विधानसभा में पहला विशेष कृषि बजट पेश कर चुकी है। खेतों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां कैसे स्थापित करें, भूमि परिवर्तन, और अनुदान के लिए छूट दी गई है। गहलोत ने पिछले तीन वर्षों में आम आदमी को राहत देने और विकास की गति को बनाए रखने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों का विवरण दिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम ने सत्ता में आते ही फसल ऋण माफी का आदेश जारी किया। अब तक सहकारी बैंकों के ₹14,000 करोड़ के कर्ज माफ किए जा चुके हैं। 30 नवंबर, 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसानों के ऋण अभी तक माफ नहीं किए गए हैं। अगले चुनाव से पहले यह राशि बहुत बड़ी है, गहलोत सरकार चुनाव से पहले कर्जमाफी के वादे को पूरा करने की पूरी कोशिश करेगी।

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