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30 जनवरी को संसद सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा

कल होगी इस साल के पहले सत्र की शुरुआत, राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा का एजेंडा, हंगामे की संभावना?

संसद का बजट सत्र सोमवार 31 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, वर्ष का पहला सत्र होने के कारण परंपरा के अनुसार सत्र की शुरूआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी।

कोरोना के लगातार बढ़ रहे खतरे के बीच कई तरह की पाबंदियों के साथ संसद का यह बजट सत्र शुरू होने जा रहा है। यहां तक कि पहले दो दिनों को छोड़ कर संसद के दोनों सदनों- लोक सभा और राज्य सभा को दो शिफ्टों में चलाने का फैसला किया गया है।

चुनावी माहौल में शुरू हो रहा इस साल का पहला सत्र

कोरोना काल के साथ-साथ यह सत्र चुनावी माहौल में भी शुरू होने जा रहा है। इसलिए 5 राज्यों में हो रहे चुनाव और किसान संगठनों की सक्रियता का असर भी बजट सत्र के पहले चरण में पड़ना तय माना जा रहा है। संसद सत्र से ठीक पहले पेगासस सौदे को लेकर एक विदेशी अंग्रेजी अखबार द्वारा किए गए खुलासे का भी असर संसद की कार्यवाही में साफ-साफ नजर आएगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त बैठक को करेंगे संबोधित

पहले दिन 31 जनवरी को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। राष्ट्रपति के अभिभाषण के समाप्त हो जाने के आधे घंटे बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी। सोमवार को राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर बाद 2.30 बजे शुरू होगी। सोमवार को ही संसद के दोनों सदनों में वर्ष 2021-2022 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। दूसरे दिन 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे लोक सभा में बजट पेश करेंगी। लोक सभा में वित्त मंत्री का बजट भाषण समाप्त हो जाने के एक घंटे राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होगी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्य सभा में भी बजट पेश करेंगी।

कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर 2 शिफ्ट में चलेंगे सत्र

2 फरवरी से कोविड प्रोटोकॉल के तहत लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही दो शिफ्टों में चलेगी। संसद के उच्च सदन राज्य सभा की कार्यवाही सुबह 10 बजे से शुरू होकर दोपहर बाद 3 बजे तक चलाने का फैसला किया गया है। इसके एक घंटे बाद यानि शाम 4 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होगी, जिसे रात 9 बजे तक चलाने का फैसला किया गया है। फिलहाल यह व्यवस्था बजट सत्र के पहले चरण यानि 11 फरवरी तक के लिए ही की गई है। आपको बता दें कि संसद का यह बजट सत्र दो चरणों में चलेगा। पहले चरण में सदन का सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा और दूसरे चरण के अंतर्गत यह 14 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा।

बजट सत्र के लिए सरकार के साथ-साथ विपक्ष भी तैयार

संसद सत्र को लेकर सरकार के साथ-साथ विपक्ष ने भी अपनी तैयारी कर ली है। सरकार की कोशिश यह होगी कि दोनों ही सदनों की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जाए ताकि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा हो सके और सरकार को अपनी उपलब्धियों के बारे में सदन के जरिए पूरे देश खासतौर से चुनावी राज्यों के मतदाताओं को बताने में आसानी हो। इस दौरान लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों को मिलाकर 2 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी भाषण हो सकता है।

पेगासस सौदे को लेकर विपक्ष खड़े कर सकता है सवाल

दूसरी तरफ विपक्ष के पास मुद्दों की भरमार है जिसके सहारे वो सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। संसद सत्र से ठीक पहले पेगासस सौदे को लेकर एक विदेशी अंग्रेजी अखबार द्वारा किए गए खुलासे को लेकर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ दोनों सदनों में मोर्चा खोलते नजर आएंगे। पांच राज्यों में हो रहे चुनाव और किसान संगठनों की सक्रियता का असर भी बजट सत्र के पहले चरण में पड़ना तय माना जा रहा है।

5 राज्यों में होने जा रहे है विधानसभा चुनाव

दरअसल, देश के पांच राज्यों -उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब , गोवा और मणिपुर में चुनावी गरमी अपने चरम पर है और इसका असर संसद सत्र पर भी पड़ना तय माना जा रहा है क्योंकि सरकार के साथ-साथ विपक्षी दल भी सदन के जरिए इन प्रदेशो के मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश करेंगे। ऐसे में एक बार फिर से सदन में हंगामेदार माहौल की आशंका बढ़ गई है । वैसे भी संसद के पिछले कई सत्रों से यह देखा जा रहा है कि सरकार और विरोधी दलों के बीच टकराव की वजह से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।

शीतकालीन सत्र रहा था हंगामेदार

संसद के पिछले शीतकालीन सत्र की बात करें तो हंगामे की वजह से लोक सभा में कामकाज की उत्पादकता सिर्फ 82 प्रतिशत ही रही। कामकाज के मामले में राज्य सभा का रिकॉर्ड तो और भी ज्यादा खराब था जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध की वजह से लगातार सदन की कार्यवाही बाधित होती रही और इस वजह से उच्च सदन में सिर्फ 48 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया था।

बजट स्तर के सुचारु रूप से चलने को लेकर भी खड़े हैं कई सवाल

2022 भले ही नया साल हो, बजट सत्र भले ही इस वर्ष का पहला संसद सत्र हो जिसमें बजट को लेकर विस्तार से हर पहलुओं पर चर्चा की उम्मीद की जाती है। साल के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जहां सरकार को अपनी उपलब्धियों के बारे में बताने का मौका मिलता है वहीं विपक्ष को भी नीतियों के स्तर पर सरकार को घेरने का मौका मिलता है , लेकिन इस सत्र के भी सुचारू रूप से चल पाने को लेकर अभी से ही कई सवाल खड़े हो गए हैं।

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