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आपराधिक अवमानना मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा के फैसले के बाद छीनी राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता

आपराधिक अवमानना मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा के फैसले के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता छिन गई है।

 

हालांकि, इस मामले पर विपक्ष का विरोध तेज होता जा रहा है। पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के साथ कई और विपक्षी पार्टियां आ खड़ी हुई हैं। इसी क्रम में सोमवार को संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्षी सांसद काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे। इस पूरे मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी विपक्षी सांसदों के साथ नजर आए।

भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाकर रखने की बात कहने वाली तृणमूल के सांसद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित ऑफिस में विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल हुए। प्रसून बनर्जी और जरवार सरकार ने बैठक में टीमएसी का प्रतिनिधित्व किया। विपक्ष की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई है कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में रणनीतिक रूप से अब कैसे आगे बढ़ा जाए। तृणमूल कांग्रेस लंबे समय बाद कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की किसी बैठक में शामिल हुई।

खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन सभी का स्वागत करेगी जो ‘लोकतंत्र को बचाने’ के लिए आए आएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इसका समर्थन किया। इसलिए, मैंने कल सभी को धन्यवाद दिया और मैं आज भी उन्हें धन्यवाद देता हूं। हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए और लोगों की रक्षा के लिए आगे आने वाले किसी भी व्यक्ति का स्वागत करते हैं। हम उन लोगों का दिल से आभार व्यक्त करते हैं जो हमारा समर्थन करते हैं।’

राहुल गांधी को अयोग्य घोषित किए जाने के विरोध में कांग्रेस सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे। तेलंगाना में कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति ने भी ‘ब्लैड ड्रेस’ प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया। इसके अलावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता भी काली शर्ट पहनकर पहुंचे। हालांकि राहुल गांधी के ‘मैं गांधी हूं सावरकर नहीं’ वाले बयान पर पहले ही उद्धव ठाकरे नाराजगी जता चुके हैं और बार-बार सावरकर का अपमान नहीं करने की हिदायत भी अपने एक बयान में दी है।

बहरहाल, सामने आई जानकारी के अनुसार 17 विपक्षी दलों – आईएनसी, डीएमके, एसपी, जेडीयू, बीआरएस, सीपीएम, आरजेडी, एनसीपी, सीपीआई, आईयूएमएल, एमडीएमके, केसी, टीएमसी, आरएसपी, आप, जम्मू-कश्मीर एनसी और शिवसेना (यूबीटी) ने बैठक में भाग लिया।

बताते चलें कि लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने राहुल गांधी को आयोग ठहराये जाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उनका कहना है कि जल्दबाजी में किया गया यह निर्णय संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। दूसरी ओर राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्य सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग करते हुए कार्यस्थगन के नोटिस दिए।

इन सबके बीच संसद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही हंगामे की वजह से राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभी की कार्यवाही भी शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

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