किसानों को अब फसलों के बीच घुसकर खाद-दवा का छिड़काव करने की जरूरत नहीं होगी। ये सब काम ड्रोन के जरिए होगा। कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किए।
SOP में फ्लाइंग परमिशन, एरिया डिस्टेंस रिस्ट्रिक्शन, वेट क्लासिफिकेशन, ओवरक्राउडेड एरिया रिस्ट्रिक्शन, ड्रोन रजिस्ट्रेशन, सेफ्टी इंश्योरेंस, पायलटिंग सर्टिफिकेशन, ऑपरेटिंग प्लान, एयर फ्लाइट जोन, वेदर कंडीशन और इमरजेंसी हैंडलिंग प्लान समेत अन्य एस्पेक्ट शामिल हैं।
मजदूरों की समस्या से मिलेगी निजात
किसानों को फसलों के बीच जाकर छिड़काव करने में काफी दिक्कतें आती हैं। ऐसे में ड्रोन का इस्तेमाल काफी फायदेमंद साबित होगा। ड्रोन के जरिए कम समय में ज्यादा एरिया को कवर किया जा सकेगा। इसके साथ ही लेबर की समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
SOP से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
सभी किसानों के लिए ड्रोन खरीदना बड़ी चुनौती
फिलहाल की स्थिति में सभी किसानों के लिए ड्रोन खरीदना संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये काफी महंगे हैं। 20-30 लीटर की क्षमता वाले ड्रोन की कीमत 5 लाख रुपए के करीब है। ऐसे में कई ड्रोन कंपनियों ने किसानों को किराए पर ड्रोन देने की स्कीम भी लॉन्च की है। एग्री ड्रोन कंपनियों ने प्रति एकड़ करीब 400 रुपए किराया निर्धारित किया है। कई अन्य कंपनियां भी अब इससे जुड़ रही है। 20-30 लीटर क्षमता वाले ड्रोन के जरिए एक बार टंकी फुल करने पर करीब 1 एकड़ भूमि में कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं। इसके लिए 15-20 मिनट का समय लगता है।
हाल ही में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एग्री ड्रोन को लेकर एक मेला आयोजित किया गया था। इसमें आई ड्रोन निर्माता कंपनियों का कहना था कि अभी यह टेक्नोलॉजी नई होने के कारण काफी महंगी है लेकिन किसानों को यह पसंद आने के बाद उन्हें लोन, या सरकार की ओर से सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ड्रोन टेक्नोलॉजी को नई क्रांति बताते हुए 5 ड्रोन स्कूल खोले जाने का एलान किया था, ताकि किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जा सके।
किसानों को फायदा होगा और रोजगार बढेंगे- तोमर
SOP को जारी करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ड्रोन के उपयोग से किसान को काफी फायदा होगा। इससे रोजगार भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘देश के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण केंद्र सरकार के मुख्य एजेंडे में से एक है। ऐसे में कृषि में नई तकनीकों को शामिल करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछले साल देश में टिड्डियों के प्रकोप को दूर करने के लिए ड्रोन सहित नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था।
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