दिल्ली एम्स ने अस्पताल परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। एम्स की तरफ से यह कदम राष्ट्रीय प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन को कम करने के लिए उठाया गया है।
बता दें कि इसके अलावा परिसर को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से मुक्त बनाने के लिए एम्स दिल्ली प्रशासन ने स्टाफ सदस्यों और छात्रों को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के विभिन्न दंडात्मक प्रावधानों के बारे में संवेदनशील बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
आपको बता दें कि श्रीनिवास द्वारा सोमवार को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, एम्स नई दिल्ली अस्पताल परिसर और परिसर में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियमों के अनुसार सिंगल-यूज़ प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाएगा। यह कदम निश्चित रूप से राष्ट्रीय प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन को कम करने के लिए 3आरएस के महत्व को दोहराएगा। 21.8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि के साथ भारत का प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन 2015 के आकार के दोगुने से भी अधिक बढ़ गया है। निष्कर्षों के अनुसार भारत सालाना 3.5 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करता है।
भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2022 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2021 के कार्यान्वयन में एकल उपयोग वाली प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं के उत्पादन, आयात, भंडारण, बिक्री, वितरण और उपयोग पर रोक लगाने का प्रयास किया गया है।
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