रामपुर की एक अदालत ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (SP) नेता आजम खान (Azam Khan) को नफरती भाषण (Hate Speech) मामले में दोषी करार दिया है। उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका है।
आजम खान के खिलाफ 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान नफरत भरे भाषण देने के लिए केस दर्ज किया गया था। उन्होंने तत्कालीन रामपुर जिला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। उस वक्त उन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और बसपा प्रमुख मायावती के बीच हुए गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
आजम खान के भाषण का एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ था। रामपुर जिले के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) अनिल कुमार चौहान ने शहजाद नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। आजम खान के भाषण का एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ था। रामपुर जिले के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) अनिल कुमार चौहान ने शहजाद नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। आजम खान के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 0130 धारा 171-जी, 505 (1) (b) और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था।
आजम खान को 2019 में भड़काऊ भाषण देने के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था। 17 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी। जिसके दो दिन बाद उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इस साल मई में रामपुर में सांसदों और विधायकों पर मुकदमा चलाने के लिए नामित एक सत्र अदालत ने दोषसिद्धि को पलट दिया और मामले में आजम खान को बरी कर दिया। खान को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद रामपुर सदर सीट पर उपचुनाव हुआ। कथित नफरत भरे भाषण मामले में शिकायतकर्ता भाजपा के आकाश सक्सेना ने खान के करीबी सहयोगी और सपा उम्मीदवार असीम राजा को हराया।
बरी होने से आजम खान को कोई मदद नहीं मिली क्योंकि उन्हें और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को भी जिले के छजलेट क्षेत्र में लोक सेवकों पर हमला करने के 2008 के एक मामले में 14 फरवरी को मुरादाबाद की एक अदालत ने दोषी ठहराया था और दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।
2008 की घटना तब हुई जब आजम खान के वाहन को पुलिस ने नियमित जांच के लिए रोका। खान 2012-2017 तक अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमीन हड़पने के एक मामले में जमानत दिए जाने के बाद 27 महीने तक सलाखों के पीछे रहने के बाद खान को मई 2022 में सीतापुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया था। अपने खिलाफ दर्ज सभी 81 मामलों में जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आये।
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