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बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को करेंगे, 90 मिनट में तूफानी गति से बेंगलुरू से मैसूर की यात्रा

सरकार की अनेकों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में एक है। बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च को करेंगे। तमाम तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अब एक्सप्रेसवे उद्घाटन के लिए तैयार है। लोकार्पण से पहले इसका अंतिम निरीक्षण किया जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री मांड्या जिले में एक कार्यक्रम में शरीक होंगे। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि इसी स्थान से एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जाएगा। तैयारियों के मद्देनजर मांड्या पुलिस ने 12 मार्च को एक्सप्रेसवे पर यातायात प्रतिबंधों की घोषणा की। मांड्या के उपायुक्त एच एन गोपालकृष्ण द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, सभी वाहनों को नए रूट की ओर मोड़ दिया जाएगा। यात्रियों को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे के बीच यात्रा के दौरान वैकल्पिक मार्ग का ही इस्तेमाल करना होगा। मांड्या में पीएम मोदी के कार्यक्रम के मद्देनजर ट्रैफिक डायवर्जन एडवाइजरी को जानना अहम है।

एक नजर 12 मार्च के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्गों पर-

मैसूरु से बेंगलुरु वाया मांड्या की यात्रा के लिए मैसूरु-बन्नूर-किरुगवालु-हलागुरु-कनकपुरा-बेंगलुरु मार्ग का इस्तेमाल करें। मैसूरु से तुमकुरु वाया मंड्या जाने के लिए मैसूरु, श्रीरंगपटना, पांडवपुरा, नागमंगला और बेलूर को तुमकुरु से जोड़ने वाले मार्ग का इस्तेमाल करें।

  1. मांड्या के रास्ते तुमकुरु से मैसूर जाने वाले यात्री तुमकुरु-बेलूर क्रॉस-नागमंगला-पांडवपुरा-श्रीरंगपटना-मैसूर मार्ग ले सकते हैं।
  2. बेंगलुरु से मैसूर जाने के लिए बेंगलुरु, चन्नापटना, हलागुरु, मालवल्ली, किरुगावलु, हलागुरु और बन्नूर से होते हुए मैसूर की यात्रा करें।
  3. मद्दुर के रास्ते बेंगलुरु से एमएम हिल्स जाने की प्लानिंग कर रहे यात्री बेंगलुरु-हलागुरु-मालवल्ली-कोल्लेगला-एमएम हिल्स रूट लें।

 

बता दें कि भारतमाला परियोजना (बीएमपी) केंद्र सरकार की प्रमुख और महत्वाकांक्षी स्कीम में एक है। 119 किमी लंबे एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी के हिस्से के रूप में किया गया है। एक्सेस-नियंत्रित (access-controlled) एक्सप्रेसवे से कर्नाटक के दो प्रमुख शहरों के बीच ट्रैवल टाइम घटेगा। केवल 90 मिनट में बेंगलुरु से मैसूर पहुंचा जा सकेगा। एक्सप्रेसवे पर बाइक, ऑटो व अन्य धीमी गति वाले वाहनों को चलने की अनुमति नहीं होगी।

 

9000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुए एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाया गया है। साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ दो लेन की सर्विस रोड है। इन सड़कों को गिनने पर एक्सप्रेसवे को 10 लेन वाला कॉरिडोर कहा जा सकता है। हाई-स्पीड कॉरिडोर दो अलग-अलग चरणों में बनाया गया है। इसकी लंबाई निदघट्टा और मैसूर के बीच 61 किमी और बेंगलुरु और निदाघट्टा के बीच 58 किमी है। इस राजमार्ग पर 8 किमी लंबे ऊंचे गलियारे भी बनाए गए हैं। 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास, चार रोड-ओवर-ब्रिज (आरओबी) और पांच बाईपास भी बनाए गए हैं।

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