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भारत-अमेरिका ‘2 + 2’ वार्ता में, अमेरिकी मतदान से पहले प्रमुख रक्षा समझौते की उम्मीद

नई दिल्ली: 

अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव (US President Election) के पहले भारत (INDIA) अमेरिका (America) के बीच रक्षा क्षेत्र में कई अहम समझौते हो सकते हैं. दोनों देशों के बीच 27 अक्टूबर को 2+2 वार्ता के दौरान इसका ऐलान हो सकता है. यह बातचीत ऐसे वक्त हो रही है, जब भारत और चीन के बीच लद्दाख में सैन्य गतिरोध बना हुआ है.

वार्ता के पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह अग्रणी क्षेत्रीय शक्ति और वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरते भारत का स्वागत करता है. अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (US security Council) में भारत के अगले कार्यकाल के दौरान उसके साथ प्रगाढ़ सहयोग को लेकर आशावान है. विभाग ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ( DonaldTrump ) के शीर्ष अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सरकार के अन्य शीर्ष नेताओं और कारोबारी सहयोगियों से भी मिलेंगे. वार्ता के तहत अमेरिका-भारत वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाया जाएगा. उसने कई सैन्य तकनीक और हथियारों के साझा उत्पादन और विकास का संकेत भी दिया है.

तीसरे चरण की टू प्लस टू वार्ता
यह भारत औऱ अमेरिका के बीच टू प्लस टू स्तर के तीसरे चरण की वार्ता है. टू प्लस टू के तहत दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों के बीच रणनीतिक मुद्दों पर वार्ता होती है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो औऱ रक्षा मंत्री मार्कटी एस्पर नई दिल्ली में होने वाली इस वार्ता में शामिल होने के लिए भारत रवाना भी हो चुके हैं. भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर वार्ता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह वार्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के आठ महीने बाद आयोजित हो रही है. ट्रंप प्रशासन में पोंपियो की अमेरिकी विदेश मंत्री के तौर पर यह चौथी यात्रा है.

क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर भी होगी मंत्रणा
दोनों देश क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, रक्षा और सूचना साझेदारी, सेनाओं के बीच संवाद और रक्षा कारोबार के मुद्दों पर बात करेंगे. ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, BECA करार पर आगे बढ़ते हुए भारत और अमेरिकी सेनाओं के बीच भौगोलिक सूचनाओं की साझेदारी को और मजबूत बनाया गया है. दोनों देशों की सेनाओं और रक्षा मंत्रालयों के बीच रणनीतिक सूचनाओं को साझा करने पर भी बात आगे बढ़ी है. टूप्लसटू वार्ता के दौरान इस करार पर मुहर लग सकती है. इससे पहले सितंबर 2018 में दिल्ली और 2019 में वाशिंगटन में यह वार्ता हो चुकी है.

सेनाओं के बीच अहम सूचनाएं साझा हो सकेंगी
BECA करार से अमेरिका अपने सैन्य सैटेलाइट के जरिये संवेदनशील भौगोलिक क्षेत्रों की अहम सूचनाएं तुरंत ही भारत से साझा कर पाएगा. पिछले हफ्ते अमेरिका ने कहा था कि Ladakh में भारत-चीन के बीच गतिरोध पर उसकी पैनी नजर है. वह भारत के साथ सूचनाएं साझा कर रहा है और नहीं चाहता कि हालात और बिगड़ें.

क्वाड साझेदारी पर पहले ही मुहर
अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया की क्वाड साझेदारी पर पहले ही मुहर लग चुकी है. अमेरिकी अगुवाई में टोक्यो में हुई बैठक में चारों देशों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर करने का संकल्प जताया. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ अगले सालाना मालाबार नौसेना अभ्यास भी करेगा. 2007 के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शिरकत करेगा.

पोंपियो ने किया था ट्वीट
अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो ने रविवार रात को एक ट्वीट कर कहा था कि वह भारत, श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया के दौरे पर रवाना हो रहे हैं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका अपने क्षेत्रीय सहयोगी देशों के साथ मिलकर हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र आवाजाही और मजबूत सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा.

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