A handout photo released on December 10, 2019 by the International Court of Justice shows Myanmar's State Counsellor Aung San Suu Kyi attending the start of a three-day hearing on the Rohingya genocide case before the UN International Court of Justice at the Peace Palace of The Hague. - Nobel peace laureate Aung San Suu Kyi faced calls for Myanmar to "stop the genocide" of Rohingya Muslims as she personally led her country's defence at the UN's top court on December 10. (Photo by Frank Van BEEK / UN Photo/ICJ / AFP) / RESTRICTED TO EDITORIAL USE - MANDATORY CREDIT "AFP PHOTO / UN Photo/ICJ/ Frank Van BEEK" - NO MARKETING NO ADVERTISING CAMPAIGNS - DISTRIBUTED AS A SERVICE TO CLIENTS ---
नेपिडॉ:
पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की खबर है. म्यांमार की नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) और राष्ट्रपति समेत सत्ताधारी दल के कुछ नेताओं को हिरासत में लिया गया है. कई रिपोर्टों में यह जानकारी दी गई है. म्यांमार में पिछले कुछ समय से सरकार और सेना के बीच तनाव की खबरों के मध्य यह कदम उठाया गया. म्यांमार में तख्तापलट पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की धमकी दी.
समाचार एजेंसी एएफपी ने टीवी रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि म्यांमार की सेना ने आंग सान सू की को हिरासत में लेने के बाद देश में एक साल का आपातकाल घोषित कर दिया है. सेना ने एक साल के लिए देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया है. सेना ने जनरल को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन पेस्की ने कहा, “अमेरिका को इस बात की जानकारी मिली है कि म्यांमार की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और अन्य अधिकारियों को हिरासत में लेने समेत देश की लोकतांत्रिक प्रतिक्रिया को कमजोर करने के लिए कदम उठाए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को जानकारी दी गई है.”
उन्होंने कहा कि हम बर्मा (म्यांमार) की लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ मजबूती से खड़े हैं और अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं. हम सैना और अन्य सभी दलों से लोकतांत्रिक मानदंडों और कानून का पालन करने तथा हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आग्रह करते हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका हालिया चुनाव परिणामों को बदलने या म्यांमार की लोकतांत्रिक प्रतिक्रिया को बाधित करने के किसी भी तरह के प्रयास का विरोध करता है. इन कदमों को वापस नहीं लिया जाता है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और बर्मा के लोगों के साथ खड़े हैं.
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