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रामलला के दर्शन करने के लिए चढ़नी होगी 32 सीढि़यां, 24 घंटे लगातार 2 शिफ्टों में चल रहा काम

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) जिले में राम जन्मभूमि (Ram Janmbhoomi) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुक्रवार को पत्रकारों को राममंदिर निर्माण का काम दिखाया।  इस दौरान ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण की काम को लेकर होने वाली योजनाओं के बारे में भी बताया।  वहीं, बताया जा रहा है कि राममंदिर का गर्भगृह 10.50 मीटर लंबा होगा। इस दौरान गर्भगृह में रामलला की चल मूर्ति स्थापित की।  ऐसे में 32 सीढ़ियां चढ़कर रामलला के दर्शन होंगे।  वहीं, पूर्व दिशा में एंट्री गेट होगा। चंपत राय ने बताया कि अभी राममंदिर के नींव का काम चल रहा है। वहीं, नींव के ऊपर रॉफ्ट ढलाई का काम चल रहै हैं. ऐसे में बीते 2 शिफ्टों में 24 घंटे लगातार काम जारी है।

दरअसल, अमर उजाला रिपोर्ट के मुताबिक राफ्ट की ढलाई का काम रात में ही किया जा रहा है। चूंकि रॉफ्ट की परत को सुखाने के लिए रात का तापमान ठीक होता है। बता दें कि या कि फरवरी महीने से राममंदिर की प्लिंथ का निर्माण शुरू हो जाएगा। जहां प्लिंथ लगभग 22 फीट ऊंची होगी। इस दौरान प्लिंथ में लगभग ग्रेनाइट के 26 हजार पत्थर लगेंगे, जिसमें से अब तक 10 हजार पत्थर आ चुके हैं। प्लिंथ के ब्लॉक अलग-अलग आकार के होंगे। उन्होंने बताया कि रॉफ्ट की ढलाई के लिए गूम मिक्सर मशीन लगाई गई है।

तकनीक व भव्यता के लिहाज से राममंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा

वहीं, इसके साथ ही 40 इंजीनियरों समेंत लगभग 250 मजदूर राममंदिर निर्माण के काम में तेजी से जुटे हुए हैं। वहीं, जब राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा तो मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। ऐसे में मंदिर की पश्चिम दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण काम चल रहा है। ऐसे में मंदिर से 25 मीटर की दूरी पर तीनों ओऱ से रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा. चंपत राय ने बताया कि इस कांम में लगे इंजीनियरों का भी मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीक व भव्यता के लिहाज से राममंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा।

राममंदिर का स्ट्रक्चर वंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा

बता दें कि इस दौरान ट्रस्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आफले ने बताया कि सबसे पहले राममंदिर का गर्भगृह होगा फिर गृह मंडप होगा जो कि पूरी तरह से पैक रहेगा। जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप व रंगमंडप का क्षेत्र खुला होगा। वहीं, फस्ट फ्लोर में रामदरबार विराजित होंगे. उन्होंने बताया कि 3 मंजिला मंदिर में लगभग 400 खंभे होंगे। जो नक्काशी युक्त होंगे। वहीं, जगदीश आफले ने कहा कि राममंदिर का स्ट्रक्चर वंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा। ऐसे में 3 मंजिला मंदिर में करीब 4.50 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे। जिनकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है।

अब तक करीब  20 प्रतिशत पत्थरों की हो चुकी हैं आपूर्ति

गौरतलब है कि अब तक लगभग 20 प्रतिशत पत्थरों की आपूर्ति हो चुकी है। ऐसे में ये पत्थर सीधे राजस्थान से तराशकर लाए जा रहे हैं। इसके लिए वहां तीन कार्यशाला चल रही है। इस दौरान अयोध्या की कार्यशाला में भी पत्थरों पर नक्काशी का काम करने में कारीगर जुटे हुए . इसके अलावा बताया गया कि राममंदिर का परकोटा करीब 60 फीट ऊंचा होगा। जहां पर 350 फीट लंबा व 250 फीटा चौड़ा प्रदक्षिणा मार्ग भी होगा। साथ ही परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी जो राममंदिर कैंपस की भव्यता बढ़ाएगी। इस दौरान परकोटे में माता सीता, लक्ष्मण, गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं के 6 मंदिर भी होंगे।

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