केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) का मानना हैं कि छात्र जितनी पुस्तके अपने जीवन में पढ़ेंगे उतना ही आगे देश बढ़ेगा। अभियान की पहली 5 पुस्तकों की सूची जारी कर दी गई है। धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि किताबें पढ़ना एक स्वस्थ आदत है और संज्ञानात्मक, भाषा और सामाजिक कौशल विकसित करने का एक शानदार तरीका है।
इस अभियान के तहत, धर्मेंद्र प्रधान ने उन पांच पुस्तकों के नाम साझा किए हैं। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने सभी को किताबें पढ़ने की आदत अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पढ़ेगा भारत अभियान का पहला चरण 14 सप्ताह तक जारी रहेगा जिसमें हर तरह की किताबें छात्रों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। दिशा निर्देश में छात्रों के लिए गतिविधियों का एक कैलेंडर हैं साथ ही इन गतिविधियों का गठन इस तरह से किया जाता है कि छात्र उन्हें घर पर उपलब्ध संसाधनों की मदद से कर सकें। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि स्कूल बंद होने की स्थिति में छात्र परिवार या साथियों की मदद ले सकते हैं।
100 दिनों के अभियान के तहत, प्रति सप्ताह प्रति समूह एक गतिविधि तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य पठन को सुखद बनाना और पढ़ने के आनंद के साथ आजीवन जुड़ाव बनाना है। मंत्रालय ने इस पठन अभियान के साथ-साथ गतिविधियों के आयु-उपयुक्त साप्ताहिक कैलेंडर पर एक व्यापक दिशानिर्देश तैयार किया है। सभी दिशा-निर्देश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साझा किए गए हैं। इस पठन अभियान को “मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक मिशन” के लक्ष्यों और दृष्टि के साथ भी जोड़ा गया है।
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