प्रो. मलिक ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी को लेकर प्रधानमंत्री ने जो कहा, उससे आगे कहने की कोई गुंजाइश नहीं है। अब किसानों को अपने पक्ष में फैसले करवाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने चौधरी चरण सिंह के साथ राजनीति की है और हर स्थिति में वे किसानों के साथ है। इसके लिए फिर उन्हें चाहे कोई भी पद न छोड़ना पड़े।
सतपाल मलिक लंबे समय से किसान आंदोलन का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के पक्ष में थे। वे केंद्र सरकार से भी लगातार किसानों से बातचीत करने के लिए दबाव डाल रहे थे। उन्होंने इस मसले पर स्वयं भी किसान नेताओं से बातचीत की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
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