Breaking News

श्रीलंका की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक को जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा श्रीलंका के गंभीर हालात है

भारत ने पड़ोसी देश श्रीलंका के मौजूदा राजनीतिक व आर्थिक हालात को बेहद गंभीर बताते हुए इस बात पर चिंता जताई है कि इसका असर आस पास के क्षेत्रों पर भी पड़ सकता है।

 

श्रीलंका की स्थिति पर आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर संकट है लेकिन उन्होंने इस तरह के हालात भारत में भी पैदा होने की किसी संभावना से साफ तौर पर इनकार किया है।

बैठक में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके के टी आर बालू व एम एम अबदुल्ला, एआइएडीएमके के एम थंबीदुरै, टीएमसी के सौगत राय, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अबदुल्ला, आप के संजय सिंह, एमडीएमके के वाइको समेत कुछ दूसरे राजनीतिक दलों के सांसद भी उपस्थित थे। पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी इस बैठक में ब्रीफिंग करनी थी लेकिन वो कोविड पोजिटिव होने की वजह से हिस्सा नहीं ले सकी।

बैठक में अपने आरंभिक भाषण में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक का आयोजन इसलिए करने का फैसला किया गया है कि वहां एक गंभीर संकट है। असलियत में यह संकट कई मायने में अभूतपूर्व है। यह चिंता श्रीलंका के सबसे करीब पड़ोसी देश होने की वजह से भी है। हम निश्चित तौर पर इसके परिणामों को लेकर भी चिंतित हैं और भारत पर पड़ने वाले असर को लेकर भी चिंता है। आगे उन्होंने कहा कि जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या भारत में भी इस तरह की स्थिति पैदा हो सकती है, यह बहुत ही गलत तुलना है। हालांकि बाद में उन्होंने यह भी कहा कि, श्रीलंका की स्थिति से बहुत कुछ सीखने को भी है। जैसे वित्तीय हालात को लेकर पूरी तरह से सावधानी रखनी चाहिए, गवर्नेंस पर ध्यान रखना चाहिए और मुफ्त बांटने की संस्कृति बंद होनी चाहिए।

श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसमें विदेशी मुद्रा की गंभीर कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है।

आर्थिक संकट ने सरकार के खिलाफ एक लोकप्रिय विद्रोह के बाद द्वीप राष्ट्र में एक राजनीतिक संकट भी पैदा कर दिया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सभी पार्टी नेताओं की बैठक थी। हमारी ब्रीफिंग श्रीलंका की स्थिति पर थी। बैठक में आने वाले नेताओं की संख्या 38 थी। हमने 46 पार्टियों को आमंत्रित किया था, 28 पार्टियों ने भाग लिया था। हमारी ओर से 8 मंत्री थे, जिनमें प्रह्लाद जोशी और पुरुषोत्तम रूपाला शामिल थे। भारत ने 3.8 अरब डालर की सहायता दी है। किसी अन्य देश ने इस वर्ष श्रीलंका को इस स्तर का समर्थन नहीं दिया है और जो पहल हम कर रहे हैं। आईएमएफ और अन्य देनदारों सहित अन्य निकायों के साथ उनके जुड़ाव को सुविधाजनक बनाएं। हमने 2 प्रेजेंटेशन किए थे। एक राजनीतिक दृष्टिकोण से किया गया था, एक विदेश नीति के दृष्टिकोण से जिसने सभी नेताओं को समझाया कि श्रीलंका में राजनीतिक अशांति, आर्थिक संकट ऋण की स्थिति के कारण था।

श्रीलंका की स्थिति पर बैठक के बाद नेशनल कांफ्रेंस सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश (श्रीलंका) मर रहा है। हमें उस देश को बचाना है। वित्त सचिव ने कहा कि हमारी हालत खराब नहीं है और हमारे भंडार बेहतर हैं। (श्रीलंका) के लिए सिर्फ चीन का कर्ज का जाल ही चिंता का विषय नहीं है। उन्होंने कई जगहों से पैसे लिए हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के बिना उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है और मुझे उम्मीद है कि भारत इसमें मदद करेगा।

तमिलनाडु के राजनीतिक दलों जैसे डीएमके और एआइएडीएमके (AIADMK) ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले एक सर्वदलीय बैठक में मांग की थी कि भारत को पड़ोसी देश के संकट में हस्तक्षेप करना चाहिए।

The Gulf Indians

Recent Posts

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के लिए मतगणना शुरू, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के सभी चार पदों के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव का मतदान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव…

8 months ago

बाजार की विश्वसनीयता को बढ़ावा देना नए ऑफ-प्लान रियल एस्टेट कानून के प्रमुख लाभों में से एक है

मंगलवार को सऊदी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित ऑफ-प्लान रियल एस्टेट परियोजनाओं को बेचने और पट्टे पर…

8 months ago

Crown Prince: सऊदी अरब 21वीं सदी की सबसे बड़ी सफलता की कहानी है

क्राउन प्रिंस और प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि सऊदी अरब 21वीं सदी…

8 months ago

This website uses cookies.