लद्दाख में पैंगोंग लेक के दोनों छोरों से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. सूत्रों के अनुसार, भारत और चीन अब देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से सेनाओं के पीछे हटने को लेकर सीनियर कमांडर स्तर की शनिवार को होने वाली 10वें दौर की वार्ता में चर्चा करेंगे. पैंगोंग झील के दक्षिण में चुशूल के नजदीक मोल्डो में ये बैठक सुबह 10 बजे के करीब शुरू होगी.
सेना के सूत्रों ने बताया कि चीन की सेना फिंगर 8 के पीछे चली गई है और भारत की सेना अपनी पुरानी वाली जगह यानी फिंगर 3 के पास आ चुकी है. दस दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया था कि भारत और चीन उच्च हिमालय के टकराव वाले क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने पर राजी हुए हैं. उस समय एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें भारत औऱ चीनी सेना के टैंक लद्दाख में मौजूदा स्थिति से पीछे हटते दिखाई दे रहे थे. करीब 10 दिनों बाद अब यह प्रक्रिया पूरी हो सकी है.
14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग त्सो झील के पास करीब सालभर तक तनावपूर्ण स्थिति के बाद अब दोनों तरफ की सेना पीछे हटी है. इस स्थिति की बहाली के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य वार्ता और कूटनीतिक स्तर पर संवाद हुए हैं.
दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल 2020 में शुरू हुआ था, जब चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के काफी अंदर तक घुस आए थे. चीन ने पहले कहा था कि उसके सैनिक उसके अपने इलाके में हैं और उसने भारतीय सैनिकों पर भड़काऊ कार्रवाई का आरोप लगाया था. 15 जून को भारत और चीनी पक्ष के बीच गलवान घाटी में हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. दोनों देशों के बीच 45 सालों में पहला खूनी टकराव था. इस खूनी जंग में कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे.चीन ने अब उस घटना में अपने पांच सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है.
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