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ज्ञानवापी मस्जिद केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत को दिया आदेश, आज होगी सुनवाई

वाराणसी जिला अदालत के जज करेंगे मामले की पूरी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को वजु की व्यवस्था करने का दिया आदेश कोर्ट की छुट्टियों के बाद अब जुलाई में होगी मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले को जिला न्यायाधीश, वाराणसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि यूपी न्यायिक सेवाओं के वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी मामले की सुनवाई करेंगे।

यानी अब जिला जज पूरे मामले की सुनवाई करेंगे। कोर्ट ने कहा 17 मई का अंतरिम आदेश 8 हफ्तों तक जारी रहेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को मस्जिद में वजु करने की व्यवस्था का इंतजाम करने का शिवलिंग को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अदालत की गर्मियों की छुट्टियों के बाद जुलाई को अब इस मामले की सुनवाई होगी। सर्वे रिपोर्ट मीडिया में लीक करने होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ” रिपोर्ट कोर्ट जानी चाहिए थी, तथ्य मीडिया में लीक नहीं होने चाहिए थे।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले की सुनवाई जिला जज वाराणसी करेंगे। SC का कहना है कि शिवलिंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 17 मई का उसका अंतरिम आदेश जारी रहेगा। वुजू की व्यवस्था की जाएगी। हम आदेश से बहुत खुश हैं।

शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया कि मामले की सुनावई वाराणसी में जिला न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। देश की शीर्ष अदालत ने मामले में कहा कि “थोड़ा अधिक अनुभवी और परिपक्व हाथ को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए। हम ट्रायल जज पर आक्षेप नहीं कर रहे हैं। लेकिन अधिक अनुभवी हाथ को इस मामले से निपटना चाहिए और इससे सभी पक्षों को फायदा होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान ये सुझाव दिए, जिसमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया था।

 

शीर्ष अदालत ने मुख्य रूप से दोनों पक्षों को कुछ सुझाव दिए हैं। इसमें पहला सुझाव जिला कोर्ट के द्वारा मामले की सुनवाई को पूरी करन देने का है। दूसरा कोर्ट का सुझाव है कि इस मामले में एक अंतरिम आदेश पारित किया जाना चाहिए और इस फैसले तक अंतरिम आदेश प्रभावी रहना चाहिए।

सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील की ओर से यह दलील दी गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद में सैकड़ों साल की स्थिति को बदला जा रहा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से यह मांग की गई है कि मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया जाए। साथ ही मुस्लिम पक्ष के वकील ने यह भी सवाल उठाया कि रिपोर्ट मीडिया में कैसे लीक हुई?

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