सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नामकरण आयोग के गठन की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट में प्राचीन धार्मिक स्थलों के मूल नामों का पता लगाने के लिए इस आयोग के गठन की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी।
यह याचिका वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया था कि देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों के मूल नामों का पता लगाने और उनके वर्तमान नाम से आक्रांताओं के नाम को हटाने के लिए एक नामकरण आयोग का गठन किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट पुरातत्व विभाग को पुराने नामों को प्रकाशित करने के लिए निर्देश दे।
याचिाक को खारिज करते हुए जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि यह उन मुद्दों को जीवंत करेगा, जो देश में बवाल करवा सकते हैं। फैसला सुनाते हुए बेंच ने कहा कि देश के इतिहास को उसकी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों छेड़ना नहीं चाहिए। कोर्ट ने कहा, हिंदू धर्म एक धर्म नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। इस धर्म में कोई कट्टरता नहीं है। अतीत को मत खोदो जो केवल दुश्मीन पैदा करेगा।
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