उन्होंने कहा कि पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग के संज्ञान में कुछ ऐसे मामले आए हैं कि बैंक मानसिक रूप से बीमार आश्रित बच्चों को पारिवारिक पेंशन नहीं दे रहे हैं और इसके लिए अदालतों से अभिभावक पत्र लेकर आने को कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बैंकों की यह मांग वर्ष 2021 में लाए गए केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम का भी उल्लंघन करती है। उन्होंने कहा कि पेंशन वितरित करने वाले सभी बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को इस बारे में जरूरी निर्देश जारी करने के सुझाव दिए गए हैं। ताकि वे अभिभावकता सर्टिफिकेट की मांग न करें।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग ने हालिया समय में पारिवारिक पेंशन को लेकर कई बड़े सुधार किए हैं। इनमें तलाकशुदा बेटी के लिए नियमों में ढील देना भी शामिल है। इसके अलावा बुजुर्ग पेंशनरों के लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए मोबाइल ऐप के जरिए फेस रिकग्नीशन तकनीक लाना भी मंत्रालय के अहम सुधारों में शामिल है।
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