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सीनियर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने अग्निपथ योजना पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना विवादास्पद है, इसमें कई जोखिम हैं, सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को नष्ट करती है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिक बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा के लिए प्रेरित होंगे।

 

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हमने रिटायर्ड रक्षा अधिकारियों द्वारा व्यक्त विचारों को पढ़ा और सुना है। करीब सर्वसम्मति से उन्होंने इस योजना का विरोध किया है और हम मानते हैं कि कई सेवारत अधिकारी इस योजना के बारे में समान रिजर्वेशन शेयर करते हैं।

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गौर हो कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में कॉन्ट्रैक्ट आधार 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती के लिए मंगलवार (14 जून) को अग्निपथ योजना का ऐलान किया। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी। इन्हें सैनिकों को अग्निवीर नाम से पुकारा जाएगा।

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अग्निपथ योजना का ऐलान होते ही सेना में नौकरी करने के लिए इच्छुक युवाओं असंतोष फैल गया। वे कॉन्ट्रैक्ट भर्ती के खिलाफ सड़कों पर उतर गए। विरोध प्रदर्शन बिहार से शुरू हुआ और फिर तेजी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तरखंड, हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली समेत देश भर में फैल गया। बिहार में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी और पथराव किया।वहीं, नवादा में बीजेपी की विधायक अरुणा देवी के वाहन पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसमें विधायक सहित पांच लोग घायल हो गए।

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हरियाणा के गुरुग्राम, रेवाड़ी और पलवल में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए तथा राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। इंदौर में तिरंगे झंडों के साथ प्रदर्शन कर इस योजना पर आक्रोश जताया। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और बलिया जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। बलिया में युवाओं के प्रदर्शन के कारण वाराणसी छपरा रेल प्रखंड पर दिल्ली से जयनगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेन प्रभावित हुई।