हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए इस्तीफे-पत्र में काफी समानताएं हैंअसम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को बताया भाजपा के लिए वरदानकहा- सोनिया गांधी ने अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जो अब तक विफल रहा
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा जहां कांग्रेस में बम फोड़ने जैसा है तो वहीं भाजपा के लिए यह कांग्रेस और गांधी परिवार पर हमला बोलने का एक सुनहरा अवसर है। कभी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा है। असम के मुख्यमंत्री ने कहा शुक्रवार को कहा, गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए (इस्तीफे) पत्र में काफी समानता हैं।
उन्होंने कहा कि सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता है। सरमा ने कहा, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जो अब तक विफल रहा है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस वजह से जो नेता पार्टी के लिए वफ़ादार थे वह पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैंने साल 2015 में ही कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रह जाएंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।
गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए (इस्तीफे) पत्र में काफी समानता हैं। सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है जो अब तक विफल रहा है: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (1/2) pic.twitter.com/fRuHfp3suM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2022
वहीं गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ज़ाहिर है कि वे बहुत आहत हुए होंगे। इस स्थिति को आने से बचाई जा सकती थी और यह बात समय-समय पर बताई भी गई। उन्होंने कहा, हम निरंतर कमज़ोर होते जा रहे हैं। हमारा यही लक्ष्य रहा है कि राय मशवरा करके उसको हम सुधार सकें।
"We had raised banner of reform, not banner of revolt… It was imp to remain inside party… INC will be much weaker without GN Azad, but the Azad who authored G23 letter, not the one who authored this resignation," reads a letter sent out by Cong leader Sandeep Dikshit pic.twitter.com/yDuvxrDv4L
— ANI (@ANI) August 26, 2022
बता दें कि आनंद शर्मा ने भी कुछ दिनों पहले पार्टी की ओर से गठित हिमाचल प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दिया है। वह भी पार्टी में सुधार की वकालत करते रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने आजाद को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा, “हमने सुधार का झंडा उठाया था, विद्रोह का बैनर नहीं… पार्टी के अंदर रहना जरूरी था… जीएन आजाद के बिना कांग्रेस बहुत कमजोर होगी, लेकिन आजाद जिसने ‘जी23’ पत्र लिखा था, वह नहीं जिसने इस इस्तीफे को लिखा था।”