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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को Aligarh Muslim University के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया और इस मौके पर कोरोना काल में मदद के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से की गई मदद के लिए सराहना की. पीएम ने कहा कि ‘अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी AMU ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है. हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.’ पीएम ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया. पांच दशक में यह पहला मौका था, जब देश के कोई प्रधानमंत्री एएमएयू के किसी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समारोह में हिस्सा लिया.

पीएम मोदी ने एएमयू के शताब्‍दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय से निकले छात्र भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ”छोटा भारत” बताते हुए विश्वविद्यालय की विरासत का बखान भी किया. उन्होंने कहा कि ‘उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है. उन्होंने छात्रों से अपील की कि एएमयू के कैंपस में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना दिनोंदिन मजबूत होती रहे, इसके लिए मिलकर काम करें.

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पीएम ने कहा कि देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां किसी मत, मजहब के भेद के बिना हर वर्ग तक योजनाएं पहुंच रही हैं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, यह मंत्र इसका मूल आधार है. देश की नियत नीतियों में यही संकल्प झलकता है.पीएम ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ को केंद्र सरकार की नीतियों का मूल आधार बताते हुए कहा कि जो देश का है, वह हर देशवासी का है और उसका लाभ हर देशवासी को मिलना चाहिए.

कोरोना संकट में मदद के लिए आगे आए विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए पीएम ने कहा कि ‘अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी AMU ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है. हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है.’

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पीएम ने अपने तीन तलाक के कानून का जिक्र करते हुए कहा कि समाज से तीन तलाक नामक कुप्रथा खत्म हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम छात्राओं के बीच पढ़ाई छोड़ने की दर में गिरावट आई है.

PM ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कामों को गिनाते हुए कहा कि सरकार उच्च शिक्षा में एनरोलमेंट की संख्या बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है. ‘वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 IITs थीं,  आज 23 IITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 IIITs थीं, आज 25 IIITs हैं. वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 IIMs थे, आज 20 IIMs हैं. Medical education को लेकर भी बहुत काम किया गया है. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे, आज देश में 22 एम्स हैं.’ पीएम ने कहा कि शिक्षा चाहे Online हो या फिर Offline, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘बिना किसी भेदभाव के 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले, दो करोड़ लोगों को घर मिले, आठ करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला. बिना किसी भेदभाव के कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित किया गया. आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को पांच लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ.’

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश की समृद्धि के लिए उसका हर स्तर पर विकास होना आवश्यक है. आज देश भी उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेदभाव के देश में हो रहे विकास का लाभ मिले. देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है, जहां पर प्रत्येक नागरिक संविधान से मिले अपने अधिकारों को लेकर निश्चिंत रहें, भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें.’

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर एक विशेष डाक टिकट जारी किया. पांच दशक में यह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री एएमएयू के किसी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. आखिरी बार, 1964 में बतौर प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एएमयू के एक समारोह में शामिल हुए थे. उनसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नहेरू ने चार बार एएमयू का दौरा किया था. नेहरू पहली बार 1948 में और इसके बाद 1955, 1960 और 1963 में एएमयू गए थे.