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आज पूरे देश में महाशिवरात्रि बनाई जा रही है। झारखंड के देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ धाम (Baba Baidy।nath Dham) मंदिर में महाशिवरात्रि के चलते श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार अल सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें अपनी बारी आने का इंतजार कर रही हैं।

 

हाथ में जल और बाबा के श्रृंगार का सामान लिए लोग बाबा का जय-जयकार कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी लाइन में लगे हैं। भक्तों की भारी भीड़ आने का अनुमान पहले से ही प्रशासन को था। इसलिए जिला प्रशासन की ओर से मुकमल तैयारी की गई हैं। व्यवस्थित तरीके से श्रद्धालुओं को जलार्पन करवाया जा रहा है।

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देवघर में शिव और शक्ति दोनों विराजमान

देवघर में शिव और शक्ति दोनों विराजमान हैं। महाशिवरात्रि पर आज के दिन शिव और शक्ति की पूजा करने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। जलार्पण के साथ सिंदुर भी चढ़ाते हैं। साथ ही यहां पर बाबा के शिखर पर पर लगे पंचशूल पर मुकुट को भी चढ़ाने की परंपरा है।

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तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में से बाबा बैद्यनाथ धाम ही एक ऐसा ज्योर्तिलिंग है जहां शिव और शक्ति दोनों विराजमान हैं। महाशिवरात्रि के दिन श्रृंगार पूजा नहीं होती है। बल्कि चार पहर की विषेश पूजा की जाती और बाबा पर मुकुट भी चढ़ाया जाता है।

महाशिवरात्रि पूजा विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)

महाशिवरात्रि पर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। गन्ने के रस, कच्चे दूध या शुद्ध घी से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, फूल, मिठाई, मीठा पान, इत्र आदि अर्पित करें।

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इसके बाद वहीं खड़े होकर शिव चालीसा का पाठ करें और शिव आरती गाएं। ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें। महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है।