दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली के बहुत से इलाकों में पीएम 2.5 300 के ऊपर दर्ज किया गया है, वहीं एनसीआर में नोएडा का हाल सबसे बुरा है। नोएडा में पीएम 2.5 400 के पार दर्ज किया गया है। यह गंभीर श्रेणी में आता है। यह सांस के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है।
गुरुवार को भी बुरे थे हालात
गौरतलब है कि इस सीजन में पहली बार गुरुवार को दिल्ली की हवा गंभीर स्तर तक प्रदूषित हुई। एनसीआर के शहरों की हालत भी खराब है। दिल्ली समेत गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद व गुरूग्राम का वायु गुणवता सूचकांक एक साथ 400 से ऊपर है।
Delhi: Air Quality Index at 448 in the 'severe' category at ITO, as per Central Pollution Control Board pic.twitter.com/EuHKljE4tO
— ANI (@ANI) November 6, 2020
464 अंकों के साथ दिल्ली-एनसीआर में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद रहा। जबकि फरीदाबाद की हवा तुलनात्मक रूप से एनसीआर में सबसे कम प्रदूषित रही। शहर का वायु गुणवता सूचकांक 436 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली व नोएडा का सूचकांक 450 रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राजधानी में गुरुवार को अमूमन सभी हॉटस्पॉट क्षेत्र प्रदूषण को लेकर गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं। यही वजह रही कि अधिकतर हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 450 से अधिक वायु गुणवता सूचकांक दर्ज किया गया।
वहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, मिक्सिंग हाइट के 600 मीटर नीचे आने, उतर- पश्चिम दिशाओं से आने वाली हवाओं की कमी में रफ्तार के अलावा पराली जलने की अधिक घटनाओं के कारण राजधानी की हवा गंभीर स्थिति में पहुंची है। सफर के अनुसार, आगामी कुछ दिनों में हवा के स्तर में बदलाव होने से प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकता है, हालांकि लंबे समय तक प्रदूषण के बहुत खराब श्रेणी में बने रहने की संभावना बनी हुई है