English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-05-18 193208

विश्व स्तर पर प्रदूषण बड़ी समस्या बनते जा रहा है। प्रदूषण से विश्व में हर साल 9 लाख लोगों की मौत, नंबर-1 पर है भारत

 

प्रदूषण को लेकर एक नई स्टडी हुई है, जिसमें पता चला है कि दुनिया भर में हर साल लाखों मौतें केवल प्रदूषण के कारण हो रही हैं।

हर तरह का प्रदूषण जिम्मेदार

एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर हर साल होने वालीं लाखों मौत के मामलों के लिए सभी प्रकार का प्रदूषण जिम्मेदार है। वाहनों और उद्योगों के धुएं के कारण हुए वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से मरने वालों की संख्या 2000 के बाद से 55 प्रतिशत बढ़ गई है।

Also read:  भिखारी ठाकुर के साथी और 'लौंडा नाच' जीवित रखने वाले आखिरी लोक कलाकार पद्म श्री रामचंद्र मांझी का निधन

10वें नंबर पर अमेरिका

‘द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका (America) प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष 10 देशों में से एकमात्र ऐसा देश है, जो पूरी तरह से उद्योग पर निर्भर है. 2019 में प्रदूषण से होने वालीं 142,883 मौतों के साथ वह विश्व में 7वें स्थान पर है, जिसके पहले और बाद में क्रमश: बांग्लादेश (Bangladesh) और इथियोपिया (Ethiopia) है। अध्ययन वास्तव में ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज’ के आंकडों और सिएटल में स्थित ‘इन्स्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवॉल्यूशन’ के आकलन पर आधारित है।

Also read:  कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बीजेपी सरकार पर बोला हमला, कहा-सरकारी उत्पीड़न के शिकार कार्यकर्ताओं के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस

दूसरे नंबर पर चीन

भारत (India) और चीन (China) प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं। भारत में सालाना लगभग 2.4 लाख लोगों की तो चीन में लगभग 2.2 लाख लोगों की मौत प्रदूषण (china pollution) के कारण होती है, लेकिन दोनों देशों में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी भी है। यदि मौत को प्रति जनसंख्या दर के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका नीचे से 31वें स्थान पर आता है। यहां प्रति 100,000 की आबादी में प्रदूषण के कारण मौत का आंकड़ा 43.6 है।

Also read:  प्रयागराज हिंसा में एआईएमआईएम नेता सहित आरोपियों को बुलडोजर कार्रवाई हुआ नोटिस जारी

 

एक लाख की आबादी पर 117 मौत

चाड और मध्य अफ्रीकी गणराज्य प्रति 100,000 की आबादी पर प्रदूषण से होने वाली लगभग 300 मौत के साथ उच्चतम स्थान पर हैं। इनमें से आधी से अधिक मौत का कारण दूषित पानी है। ब्रुनेई, कतर और आइसलैंड में प्रदूषण के कारण मृत्यु दर 15 से 23 के बीच सबसे कम है। प्रदूषण की वजह से मौत का वैश्विक औसत प्रति 100,000 लोगों पर 117 है।