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भारत से विदेश जाने वाले यात्रियों पर सरकार ने नजरें गड़ा दी हैं। अब एयरलाइंस को यात्रियों के उड़ान भरने से पहले उनकी पूरी जानकारी कस्टम विभाग को देनी होगी।

 

सरकार के आदेश के अनुसार एयरलाइंस को यह जानकारी यात्रियों के प्रस्थान से 24 पहले सौंपनी होगी। इन जानकारियों में यात्रियों के कॉन्टेक्ट और पेमेंट से जुड़ी जानकारियां शामिल होंगे।

बताया जा रहा है कि इस कदम का मकसद शातिर अपराधियों को देश से भागने से रोकना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा-शुल्क बोर्ड सीबीआईसी) ने सोमवार को ‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022’ को अधिसूचित करते हुए विमानन कंपनियों को इसका अनुपालन करने को कहा है।

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भगोड़े अपराधियों पर होगी नजर

सरकार के सूत्रों के अनुसार इस नियम का उद्देश्य यात्रियों का ”जोखिम विश्लेषण” करना है ताकि आर्थिक और अन्य अपराधियों को भागने से रोका जा सके। इसके साथ ही इस प्रावधान से तस्करी जैसे किसी भी अवैध व्यापार की जांच करने में मदद मिलेगी। बता दें कि विजय माल्या से लेकर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे आर्थिक अपराधी सरकार की नाक के नीचे से विदेश फरार हो गए। कई साल बीत जाने के बाद भी इनका अब तक प्रत्यपर्ण भी नहीं हो पाया है।

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क्या क्या जानकारी देनी होगी

सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, ”प्रत्येक एयरलाइंस को यात्रियों के नाम एवं अन्य रिकॉर्ड की जानकारी सीमा-शुल्क विभाग को देगा जरूरी होगी। इस सूचना में यात्री का नाम, बिलिंग / भुगतान जानकारी क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख के साथ एक ही पीएनआर टिकट पर यात्रा करने वाले अन्य लोगों के नाम भी शामिल होंगे।

कस्टम विभाग के पास होगा रजिस्ट्रेशन

इसमें आगे कहा गया कि प्रत्येक विमान परिचालक को इसके कार्यान्वयन के लिए सीमा शुल्क के साथ पंजीकरण कराना होगा। विमानन कंपनियों को भारत आने वाले और भारत से जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सूचना देनी होगी।

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 भारत के भगोड़ों का है लंबा इतिहास

बीते एक दशक में देश से आर्थिक अपराधियों के भागने का एक लंबा इतिहास रहा है। सबसे पहले इस मामले में विजय माल्या का नाम आया था। माल्या बतौर सांसद देश से फरार हुए थे। उस वक्त संसद का बजट सत्र भी चल रहा था। इसके आब मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे कई और नाम भी आए जिनके देश छोड़कर भागने से न सिर्फ देश का नुकसान हुआ बल्कि सरकार को भी काफी किरकिरी झेलनी पड़ी।