कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया था। मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया था।
तृणमूल कांग्रेस सांसद और महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। टीएमसी के इस निर्णय से विपक्ष और शरद पवार को झटका लगा है। उप राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार को समर्थन देने का सवाल ही नहीं है। तृणमूल कांग्रेस को जानकारी दिए बिना आपत्तिजनक तरीके से विपक्ष का प्रत्याशी तय किया गया। विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित किया था। मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से है।
TMC will not support NDA's Vice-Presidential candidate Jagdeep Dhankhar. The party will abstain from the upcoming Vice Presidential polls as it was decided in the meeting: TMC MP Abhishek Banerjee
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— ANI (@ANI) July 21, 2022
अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर 17 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में लिया गया था। पवार ने दो घंटे की बैठक के बाद घोषणा करते हुए कहा, ”हमने सर्वसम्मति से मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा, ”हमारी सामूहिक सोच है कि अल्वा मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।” पवार ने कहा कि कुल 17 दलों ने सर्वसम्मति से अल्वा को मैदान में उतारने का फैसला किया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रतिद्वंद्वी जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा के बीच कई समानताएं हैं।
दोनों राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और दोनों की पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी रही है। धनखड़ और अल्वा ने कानून की पढ़ाई की है और दोनों का राजस्थान से भी नाता रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार धनखड़ (71) राजस्थान के मूल निवासी हैं, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार अल्वा (80) राजस्थान की राज्यपाल रही हैं।