केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार अपने एक बयान में संसद में केंद्रीय बजट पर चर्चा ना होने पर नाराजगी जाहिर की थी। अब निर्मला सीतारमण के बयान पर पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने पलटवार किया है और तंज कसा है।
चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि भारत के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सत्ता पक्ष ने संसद में हंगामा किया और संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी।
पी. चिदंबरम ने सरकार पर लगाए आरोप
पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘माननीय वित्त मंत्री कह रही हैं कि संसद में बजट पर कोई चर्चा नहीं हुई लेकिन बजट को बिना चर्चा के मंजूर करने के लिए कौन जिम्मेदार है? भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष ने हंगामा किया और संसद में चर्चा नहीं होने दी।’ एक अन्य ट्वीट में पूर्व वित्त मंत्री ने लिखा कि ‘वर्ल्ड बैंक के अनुसार, मोदी सरकार की पांच साल (2019-24) की औसत विकास दर 4.08 प्रतिशत रहेगी। यहां तक कि कोरोना प्रभावित साल के बाद से लगातार वार्षिक विकास दर में गिरावट का रुझान दिख रहा है और सिर्फ सरकार ही विकास दर को लेकर शेखी बघार रही है।’
निर्मला सीतारमण ने जताई थी नाराजगी
बता दें कि सत्ता और विपक्ष के हंगामे के चलते बजट सत्र के दूसरे चरण में सदन का कार्यवाही नहीं चल पा रही है। इस पर मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक बयान में संसद में बजट पर चर्चा ना होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत दुख हो रहा है कि संसद में बजट पर चर्चा नहीं हुई, अगर चर्चा हुई होती तो उन्हें अर्थव्यवस्था के कई सकारात्मक पहलुओं को बताने का मौका मिलता। वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार साल दर साल ईमानदार और पारदर्शी बजट पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है।