महाराष्ट्र के मंत्रीमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। शुक्रवार को 15 नए मंत्री अपना कार्यभार संभालेंगे। जिसमें भाजपा के आठ और शिंदे गुट के सात मंत्री शामिल होंगे।
महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन करने वाले एकनाथ शिंदे का मंत्रीमंडल पहली बार आकार ले रहा है। शुक्रवार को एकनाथ शिंदे कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है। काफी माथापच्ची के बाद बीजेपी और शिवसेना के शिंदे गुट के बीच मंत्रियों के बंटवारे पर फैसला किया गया है। इसमें भारतीय जनता पार्टी के आठ और एकनाथ शिंदे गुट से सात मंत्री कार्यभार संभालेंगे। हालांकि, इस लिस्ट में महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती देवेन्द्र फडणवीस सरकार में मंत्री रहे कई सीनियर विधायकों का पत्ता भी इस शिंद कैबिनेट में काट दिया गया है। आइये देखतें है संभवित मंत्रियों की पूरी लिस्ट-
मंत्रीमंडल विस्तार में सीनियर विधायक ही शपथ लेंगे
बीजेपी खेमें से सम्भावित मंत्री
चंद्रकांत पाटिल
सुधीर मुनगंटीवार
गिरीश महाजन
प्रवीण दरेकर
राधाकृष्ण विखे पाटिल
रवि चव्हाण
बबनराव लोणीकार
नितेश राणे
शिंदे खेमे मे से सम्भावित मंत्री (शिंदे गुट के सभी पूर्व मंत्री शपथ लेंगे)
दादा भूसे
उदय सामंत
दीपक केसरकर
शंभू राजे देसाई
संदीपन भुमरे
संजय शिरसाठो
अब्दुल सत्तारी
बच्चू कडू (स्वतंत्र) या रवि राणा
30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की ली थी शपथ
एकनाथ शिंदे ने 30 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जिसके लगभग एक महीने बाद अब कैबिनेट का विस्तार हो रहा है। इससे पहले विपक्षी दल शिंदे सरकार पर निशाने साधे हुए हैं। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार भले ही एक महीने से नहीं हुआ हो, लेकिन शिंदे सरकार ने इस दौरान करीब 751 से अधिक सरकारी आदेश जारी किए हैं। इनमें 100 से अधिक आदेश केवल स्वास्थ्य विभाग से ताल्लुक रखते हैं। इससे पहले शिवेसना में विद्रोह होने के बाद ही पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार ने चार दिन के अंदर 182 सरकारी आदेश जारी किए थे।
विपक्ष के निशाने पर रही है मौजूदा सरकार
सरकार के गठन के बाद कैबिनेट विस्तार नहीं होने पर शिंदे की सरकार विपक्ष के निशाने पर भी रही है। एनसीपी और कांग्रेस कई बार शिंदे सरकार पर कैबिनेट विस्तार न होने का निशाना साध चुकी है। कैबिनेट विस्तार के लिए शिंदे गुट द्वारा तैयार किया गया फॉर्मूला कारगर सिद्ध होने वाला है। सूत्रों के अनुसार इस फॉर्मूला में इस बात की जिक्र है कि किस पार्टी को कितने मंत्री पद मिलेंगे। इस फॉर्मूले पर फैसला बीजेपी को करना है।