English മലയാളം

Blog

मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान के वाद में प्रतिवादी आज जिला जज की अदालत में हाजिर नहीं हुए। जिसके बाद मामले की सुनवाई अब दस दिसबंर तक के लिए स्थगित कर दी है। बता दें कि इस मामले में श्रीकृ़ष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट और ईदगाह ट्रस्ट के पदाधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है।

Also read:  UP में महिला डॉक्टर की घर में घुसकर चाकू से हत्या, दूसरे कमरे में मौजूद बच्चों पर भी अटैक

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान द्वारा अपनी जन्मभूमि पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दावा किया गया था, जिसकी सुनवाई में दावा दाखिल नहीं हुआ था। इसके बाद उनके अधिवक्ताओं ने जिला जज की अदालत में दावा पेश किया। जहां इसे स्वीकार कर लिया गया। न्यायालय ने विपक्षीगण श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान सचिव तथा प्रबंध न्याची श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट तथा ईदगाह ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया था।

Also read:  हिमाचल में 72 घंटे के भीतर 60 से ज्यादा शव मिले, शिमला, सोलन और मंडी समेत 6 ज़िलों में भयानक भूस्खलन

यह है दावा 
वादी के अधिवक्ताओं का दावा है कि जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान का है, जबकि 12 अक्तूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से कर लिया। इस जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद बनाई गई है। अपील में समझौते को रद्द करने की मांग के साथ 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक मांगा गया है।

Also read:  किंग सलमान ने KFSH और RC को स्वतंत्र, गैर-लाभकारी संगठन में बदलने का आदेश दिया