हवाओं की चाल तेज होने से दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण में कमी आई है। हवा के साथ प्रदूषकों के दूर-दूर तक फैलने से 24 घंटे में वायु की गुणवता बेहद खराब से खराब स्तर में पहुंच गई है। वायु गुणवता सूचकांक रविवार के 364 से सोमवार को 293 पर जा टिका है।
हालाकि, इस बीच पंजाब, हरियाणा व पड़ोसी इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं में कोई खास कमी नहीं आई, लेकिन हवाओं के अनुकूल न होने से इसके धुएं का हिस्सा 40 से 16 फीसदी हो गया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी सफर का पूर्वानुमान है कि मंगलवार और बुधवार को गुणवता खराब हो सकती है।
दिल्ली की सुधरी हवा पर सफर का आकलन है कि सोमवार सुबह सतह पर चलने वाली हवाओं की चाल में बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस बीच हवा की चाल करीब 12000 मी प्रति सेकेंड रिकार्ड की गई। वही, मिक्सिंग हाइट में भी इजाफा हुआ। दोनों के मिले-जुले असर से प्रदूषक दूर-दूर तक फैले और दिल्ली के वातावरण में छाई प्रदूषण की चादर पतली हुई। इससे 24 घंटे में प्रदूषण का स्तर 364 से 293 पर पहुंच गया। सूचकांक में करीब 71 अंकों का सुधार होने से हवा की गुणवता बेहद खराब से खराब स्तर मे पहुंच गई।
सफर का पूर्वानुमान है कि मंगलवार को एक बार फिर हवाओं की चाल में कमी आएगी। इससे हवा की गुणवता में मामूली गिरावट होगी। बुधवार को भी कमोवेश यही स्थिति बनी रहेगी। दोनों दिनों में गुणवता बेहद खराब स्तर में रहेगी।
पराली जलाने के तीन हजार से ज्यादा मामले, हिस्सा घटा
सफर के मुताबिक, रविवार को पंजाब, हरियाणा, उतर प्रदेश, उतराखंड समेत पड़ोसी इलाकों में पराली जलाने के 3045 मामले रिकॉर्ड किए गए। इस दौरान हवा की दिशा उतरी और उतरी पश्चिमी रही, लेकिन चाल धीमी होने से पराली का धुंआ दिल्ली तक नहीं पहुंच सका। सोमवार को पराली के धुएं का हिस्सा 16 फीसदी पर आ गया। जबकि एक दिन पहले करीब तीन हजार के मामले दर्ज होने पर यह 40 फीसदी था।