English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप और बर्बरता मामले की सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट से करने का अनुरोध यूपी सरकार ने किया है. पिछले महीने दिल्ली के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थे. उसके बाद हाथरस प्रशासन ने आनन-फानन में पीड़िता का अंतिम संस्कार रात के अंधेरे में कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने कहा कि वह पीड़ितों के परिवार और गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. मंगलवार को सीबीआई ने हाथरस केस की जांच शुरू कर दी है.

Also read:  हाथरस केस: हाईकोर्ट ने पूछा, यदि वह अमीर लड़की होती तब भी क्या शव को इस तरह जलाते?

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज जवाबी हलफनामा दाखिल कर कहा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों को तीन स्तरीय सुरक्षा दी गई है. कोर्ट को बताया गया कि इसके लिए पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके साथ-साथ  गांव की सीमा के साथ जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. पीड़ित परिवार की ओर से एडवोकेट सीमा कुशवाहा मुकदमे की पैरवी कर रही हैं.

Also read:  ब्रिटेन में मिला COVID का नया वेरिएंट "अभी नहीं हुआ बेकाबू", किया जा सकता है कंट्रोल : WHO

उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. वहां अगली सुनवाई अब 2 नवम्बर को होगी. यूपी सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट सीबीआई को समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करने का आदेश दे. साथ ही अदालत खुद इसकी निगरानी भी करे. यूपी सरकार ने कहा है कि अदालत सीबीआई को हर 15 दिन में जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को देने को कह सकती है जिसे यूपी के डीजीपी द्वारा अदालत में दाखिल किया जा सकता है.

Also read:  सभी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

 

सुप्रीम कोर्ट में हाथरस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्तूबर यानी गुरुवार को होगी. कोर्ट ने यूपी सरकार से मुख्यतया तीन बातें पूछी थी. पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए गए हैं? क्या पीड़ित परिवार के पास पैरवी के लिए कोई वकील है? और इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमे की क्या स्थिति है? इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हाथरस मामले में अगली सुनवाई 2 नवम्बर तक टाल दी है.